दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को टी20 विश्व कप मैचों से पहले नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन का घुटने के बल बैठकर समर्थन जताने का निर्देश दिया है।
स्पोर्ट्स डेस्क. टी20 विश्वकप (T20 World Cup) में मंगलवार को एक रोचक नजारा देखने को मिला। दरअसल, वेस्टइंडीज के खिलाफ साउथ अफ्रीका के विकेट कीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (quinton de kock) नहीं खेले। ये चौंकाने वाला मामला था क्योंकि डिकॉक साउथ अफ्रीका टीम के सबसे अहम बल्लेबाज हैं और इन दिनों फॉर्म में भी हैं। लेकिन उनके नहीं खेलने का कारण उनका अनफिट होना नहीं है बल्कि घुटने के बल बैठने से इंकार करना है।
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दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को टी20 विश्व कप मैचों से पहले नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन का घुटने के बल बैठकर समर्थन जताने का निर्देश दिया है। इन निर्देशों के बाद क्विंटन डी कॉक ने खुद को इस टूर्नामेंट के लिए अनुपलब्ध कर दिया है। इससे पहले खेले गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में भी डी कॉक घुटने पर नहीं बैठे थे। डी कॉक की जगह पर रीजा हेंड्रिक्स को टीम में शामिल किया गया था।
सीएसए ने सोमवार की शाम सर्वसम्मति से इस पर रजामंदी जताई कि दक्षिण अफ्रीका के सभी खिलाड़ी बाकी मैचों की शुरूआत से पहले घुटने के बल बैठेंगे। बोर्ड ने कहा, 'सभी संबंधित मसलों पर गौर करने के बाद बोर्ड का यह मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को देखते हुए नस्लवाद के खिलाफ एकजुट और लगातार विरोध प्रदर्शन जरूरी है।' इससे पहले भारतीय टीम ने भी पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को पहले मैच से पूर्व ' ब्लैक लाइव्स मैटर' वैश्विक मुहिम के तहत घुटने के बल बैठकर नस्लवाद का विरोध किया था।
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क्या है ब्लैक लाइव्स मैटर
बता दें कि अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। उसी के बाद दुनियाभर में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' कैंपेन शुरू हुआ था। जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस अधिकारियों ने हथकड़ी पहनाई और जमीन पर उल्टा लिटाकर उनकी गर्दन को घुटने से दबाकर रखा था। जिस कारण उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद से दुनिया भर के खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर नस्लवाद के खिलाफ इस आंदोलन को समर्थन जताया है।