U19 WC 2022: इंग्लैंड को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी TEAM INDIA, धोनी की तरह दिनेश ने छक्का मारकर दिलाई जीत

जूनियर टीम इंडिया पांचवीं बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। इससे पहले भारत ने साल 2000, 2008, 2012 और 2018 में खिताब जीता था। टीम इंडिया ने आठवीं बार फाइनल मुकाबला खेला। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2022 4:48 PM IST / Updated: Feb 06 2022, 02:16 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क: अंडर 19 विश्व कप 2022 (Under 19 World Cup 2022) के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर खिताब जीत लिया। जूनियर टीम इंडिया पांचवीं बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। इससे पहले भारत ने साल 2000, 2008, 2012 और 2018 में खिताब जीता था। टीम इंडिया ने आठवीं बार फाइनल मुकाबला खेला। 

190 रनों का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी टीम इंडिया ने 47.4 ओवर में छह विकेट खोकर 195 रन बनाते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत की ओर से निशांत सिंधु 50 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहे। इसके अलावा शेख राशिद ने भी 50 रनों की उपयोगी पारी खेली। इसके अलावा राज बावा 35 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत की दहलीज तक ले गए। अंत में दिनेश बाना ने 5 गेंदों में 13 रन बनाकर जीत की औपचारिकता पूरी कर दी। इंग्लैंड की ओर से जोशुआ, जेम्स और थॉमस ने दो-दो विकेट लिए। 

2011 वर्ल्ड कप की याद हुई ताजा 

विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश बाना ने जैसे ही छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई वैसे ही भारतीय खेमा खुशी के मारे झूम उठा। इसके साथ ही 11 साल पुरानी एक याद भी ताजा हो गई। साल 2011 में भारत ने वनडे वर्ल्ड कप में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का मारकर टीम का जीत दिलाई थी। 

आसान लक्ष्य का पीछा करने में टीम इंडिया का आए पसीने 

एक समय ऐसा लग रहा था कि भारत आसानी से इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा, लेकिन इंग्लैंड ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मैच को अंत तक खींच लिया। 109 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में भी टीम इंडिया का पसीने छूट गए। अगर टीम एक-दो विकेट और गिर जाते तो मैच का परिणाम कुछ और भी हो सकता था। खैर अंत भला तो सब भला। जीत आखिर जीत होती है फिर चाहे किसी भी परिस्थिति से जूझते हुए मिली हो।  

निशांत सिंधु का शानदार अर्धशतक 

निशांत सिंधु ने मुश्किल वक्त में शानदार पारी खेलकर टीम को मुश्किल से बाहर निकाल है। उन्होंने 54 गेंदों में अर्धशतक जमाकर टीम को न केवल मजबूती दी बल्कि अंत तक मैच में भारत को उम्मीद भी दी। उन्होंने अर्धशतकीय पारी के दौरान 5 चौके और 1 छक्का जमाया। 

2 रन के अंतराल में भारत को लगे दो झटके 

2 रनों के अंतराल में 2 झटके लगने से टीम इंडिया एक बार फिर से बैकफुट पर आ गई। 27वें ओवर की अंतिम गेंद पर 95 के स्कोर पर पहले शेख राशिद (50 रन) आउट हुए। इसके बाद 29वें ओवर की दूसरी गेंद पर 97 के स्कोर पर टीम को कप्तान यश ढुल (17 रन) के रूप में चौथा झटका लगा। 

शेख राशिद का शानदार अर्धशतक 

शेख राशिद की शानदार बल्लेबाजी फाइनल मुकाबले में भी जारी रही। उन्होंने 59.52 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 84 गेंदों में 50 रन बनाए। अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने 6 चौके जमाए। उनकी इस पारी ने टीम को मजबूती दी और शुरुआत झटकों से उबारा। इससे पूर्व सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी राशिद ने शानदार बल्लेबाजी की थी। 

भारत की भी शुरुआत हुई खराब 

इंग्लैंड की तरह भी भारतीय टीम की शुरुआत भी बेहद खराब रही और 1 रन के स्कोर पर टीम का पहला झटका लगा। पारी की दूसरी ही गेंद पर ओपनर अंगक्रिश रघुवंशी बिना खाता खोले आउट हो गए। जोशुआ बायडेन की गेंद पर वे एलेक्स हार्टोन को कैच दे बैठे। 49 के स्कोर पर भारत को दूसरा झटका लगा। हरनूर सिंह (21 रन) थॉमस की गेंद पर एलेक्स को कैच दे बैठे। 

189 रन पर ढेर हुई इंग्लिश टीम 

इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 44.5 ओवर में 189 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से सर्वाधिक 95 रन जेन्स रे ने बनाए। उनके बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर 34 रनों का रहा, जो जेन्स सालेस ने बनाया। भारतीय गेंदबाजों में राज बावा ने 5 और रवि कुमार ने 4 विकेट लिए। 

राज बावा और रवि कुमार के तूफान में उड़ी इंग्लिश टीम 

भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मैच की शुरुआत से ही इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। राज बावा ने 5 विकेट लेकर अंग्रेजों की कमर तोड़कर रख दी। दूसरे छोर से उन्हें रवि कुमार से अच्छा सहयोग मिला। रवि के खाते में 4 विकेट आए। आसान भाषा में कहें तो हमारे दो गेंदबाजों ने ही पूरी इंग्लिश टीम को धराशाई कर दिया। कुशल तांबे के खाते में एक विकेट आया। 

जेम्स रे को छोड़ फ्लॉप रहे इंग्लिश बल्लेबाज 

खिताबी मुकाबले में इंग्लिश बल्लेबाजों की प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। जेम्स रे (95 रन) को कोई भी बल्लेबाज मैच में असर नहीं छोड़ सका। टीम को पहला झटका 4 के स्कोर पर ही लग गया। रवि कुमार ने ओपनर जैकब (2 रन) को एलबीडब्ल्यू आउट कर चलता किया। इसके बाद टीम का स्कोर 18 रन ही हुआ था कि रवि ने टॉम प्रेस्ट (0) को बोल्ड कर भारत को दूसरी सफलता दिलाई। इसके बाद भी लगातार विकेटों का पतन होता रहा जिसके चलते टीम साधारण स्कोर पर ही ढेर हो गई। 

जेम्स रे को छोड़ फ्लॉप रहे इंग्लिश बल्लेबाज 

इंग्लैंड की ओर से जेम्स रे ने 116 गेंदों का सामना करते हुए 95 रनों की शानदार पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 12 चौके भी जमाए। हालांकि उन्हें दूसरे छोर से उचित सहयोग नहीं मिल पाया जिसके चलते टीम को कोई खास फायदा नहीं हुआ। जेन्स के अलावा जेम्स सालेस ने 65 गेंदों में 34 रनों की नाबाद पारी खेली। ओपनर जार्ज थॉमस ने 27 रन बनाए। 

10 रन से आगे नहीं बढ़ सके आठ बल्लेबाज 

इंग्लैंड की खराब बल्लेबाजी का आलम ये रहा कि आठ बल्लेबाज तो 10 से ज्यादा का स्कोर भी बना सके। उनमें से भी छह बल्लेबाज तो चार रन से आगे नहीं बढ़ सके और तीन बल्लेबाज तो खाता तक नहीं खोल सके। 

भारत का वर्ल्ड कप फाइनल इतिहास 

भारतीय टीम रिकॉर्ड आठ बार अंडर 19 विश्व कप के फाइनल में पहुंची है। ये साल रहे- 2000, 2006, 2008, 2012, 2016, 2018, 2020, 2022। इनमें से भारत को 2006, 2016 और 2022 के फाइनल में टीम को हार का सामना करना पड़ा। 

विराट समेत इनकी कप्तानी में विजेता बना भारत 

जूनियर टीम इंडिया ने 4 बार अंडर 19 विश्व कप का खिताब जीता है। सबसे पहले साल 2000 में जब मोहम्मद कैप टीम के कप्तान थे। दूसरी बार साल 2008 में तब विराट कोहली टीम के कप्तान थे। तीसरी बार साल 2012 में तब उन्मुक्त चंद के पास टीम की कमान थी। चौथी बार साल 2018 में टीम ने पृथ्वी शॉ की कप्तानी में खिताब जीता था। 

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