जब दो कप्तानों की लड़ाई के चलते हो गया था भारतीय हॉकी का पतन, क्या उसी राह पर है रोहित-कोहली की तकरार

भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त 2 खेमों में बट गई है। एक ओर विराट कोहली हैं तो दूसरी ओर रोहित शर्मा। अब देखना होगा कि इसका अंजाम क्या होता है या ये भी भारतीय हॉकी में हुई 2 कप्तानों की लड़ाई का रूप लेती है।

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम में इस समय सब कुछ ठीक नहीं चला रहा है। एक तरफ विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के बीच तकरार की खबरें, ऊपर से बीसीसीआई (BCCI) का सख्त रवैया टीम की नींव को कमजोर कर रहा है। ठीक उसी तरह जब 53 साल पहले 2 हॉकी के कप्तानों के बीच टीम की कप्तानी को लेकर घमासान हुआ था और इसी के चलते हॉकी में भारत के पतन की शुरुआत हुई थी। कुछ इसी तरह कप्तानी को लेकर ही विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच लड़ाई चल रही है। दरअसल, विराट के टी20 इंटरनेशनल से कैप्टनशिप छोड़ने के बाद बीसीसीआई ने रोहित को वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बना दिया है। वहीं, विराट के पास सिर्फ टेस्ट की कप्तानी बची है, जबकि वह वनडे के कप्तान बने रहना चाहते थे।

इस वजह से हुई थी हॉकी कैप्टन्स में लड़ाई
यह वाक्या है 1968 मैक्सिको ओलिंपिक का, जहां से 2 हॉकी प्लेयरों के बीच विवाद की शुरुआत हुई। दरअसल, टीम के दो स्टार खिलाड़ी पृथीपाल सिंह (Prithipal Singh) और गुरबख्श सिंह (Gurbaksh Singh) के बीच कप्तानी को लेकर ठन गई और दोनों का कहना था कि वे टीम को लीड के लिए ज्यादा काबिल और हकदार हैं। इसके बाद दोनों के बीच लड़ाई इस कदर बढ़ गई कि भारतीय हॉकी संघ ने दोनों को संयुक्त कप्तान बना दिया। दो कप्तानों की कप्तानी के चलते टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उस बार भारतीय टीम ओलिंपिक इतिहास में पहली बार फाइनल में नहीं पहुंच सकी। हालांकि, उसे ब्रॉन्ज मेडल जरूर मिला, लेकिन 2 कप्तान होने के चलते टीम की हर जगह आलोचना की गई। 

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बता दें कि इससे पहले 1928 से 1964 ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम हर बार फाइनल में पहुंची थी। 1960 को छोड़ बाकी हर मौकों पर हमने गोल्ड जीता था. तब 1960 रोम ओलिंपिक के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था। 1964 में भारत ने फिर गोल्ड जीता, लेकिन इसके बाद गोल्ड जीतने के लिए हमें 15 साल का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि 1968 में भारत फाइनल में भी नहीं पहुंचा और 1976 ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम सातवें स्थान पर रही। इसके बाद 1980 में भारत ने मास्को ओलिंपिक में गोल्ड जीता था। 1984 से 2016 तक भारत कोई मेडल नहीं जीता। लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत नें ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। 

क्रिकेट में भी छीड़ी कप्तानी की रार
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी दिनों में टेस्ट और वनडे सीरीज खेलनी है। लेकिन सीरीज से पहले ही बीसीसीआई के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। टीम की कप्तानी को लेकर विराट कोहली और रोहित शर्मा आमने-सामने हैं। कहा जा रहा है कि दोनों एक-दूसरे की कप्तानी में नहीं खेलना चाहते हैं। हालांकि, बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज में भी शामिल रहेंगे। जबकि रोहित हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण टेस्ट सीरीज नहीं खेलेंगे। रोहित और अपने बीच विवाद को लेकर कोहली ने कहा कि वह इस सवाल का जवाब देते हुए थक गए चुके हैं कि उनके और रोहित के बीच किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है।

बता दें कि विराट कोहली ने बतौर कप्तान भारत को कई सीरीज में जीत दिलाई, लेकिन उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई ICC ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वनडे वर्ल्ड कप और 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली ने भारत की कप्तानी की थी। हालांकि, इस साल टी20 वर्ल्ड के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया, लेकिन वह वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व करना चाहते थे। इसके बाद बोर्ड ने उन्हें टी-20 के साथ-साथ वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया। कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बीसीसीआई में टेस्ट टीम के सिलेक्शन के दौरान ही मुख्य चयनकर्ता ने बताया कि उनसे वनडे की कप्तानी वापस ली जा रही है। अब देखना होगा कि विराट, रोहित और बीसीसीआई के बीच की तकरार भारतीय क्रिकेट टीम को किस दिशा में ले जाती है? 

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