ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ मनुका ओवल में खेले जा रहे एशेज टेस्ट मैच के दूसरे दिन अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
स्पोर्ट्स डेस्क: इंग्लिश कप्तान हीथर नाइट (Heather Knight) के शानदार शतक के बावजूद पहले महिला एशेज टेस्ट (Womens Ashes Test) में ऑस्ट्रेलिया का पहला भारी हो गया है। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ मनुका ओवल में खेले जा रहे मैच के दूसरे दिन अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मेजबान गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजी आक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
शुक्रवार को मैच के दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड ने 8 विकेट के नुकसान पर 235 रन बना लिए हैं। इंग्लिश टीम अब भी पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया से 102 रन पीछे है। खेल समाप्ति तक हीथर नाइट (127* रन) और सोफी एक्लेस्टोन (27* रन) नाबाद रहीं।
इंग्लैंड की शुरुआत खराब, लगातार लगते रहे झटके
इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही और उसे 6 के स्कोर पर ही लॉरेन विनफील्ड हिल (4 रन) के रूप में पहला झटका लगा। इसके बाद 23 के स्कोर पर टीम को टैमी ब्यूमोंट (5 रन) की रूप में दूसरा झटका लगा, जिन्हें एलिसे पेरी ने वापस पवेलियन भेजा।
इस बीच कप्तान हीथर नाइट ने जिम्मेदारी संभाली और एक छोर को आगे संभाले रखा और इंग्लैंड के लिए स्कोर बोर्ड को आगे भी बढ़ाया। इस बीच लगातार विकेटों का पतन होता रहा। नताली साइवर (15 रन), सोफी डंकले (15 रन), एमी जोंस (13 रन), कैथरीन ब्रंट (1 रन), शारलेट डीन (9 रन) और अन्या शाबुसोले (3 रन) को खास कमाल नहीं दिखा सकीं।
कप्तान हीथर नाइट की जानदार पारी
लगातार विकेटों के पतन के बीच कप्तान हीथर नाइट ने शानदार पारी खेली। उन्होंने 51 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 249 गेंदों में 127 रन बनाए और अंत तक नाबाद रहीं। उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और एक शानदार छक्का भी जमाया। दूसरे छोर पर नाबाद सोफी एक्लेस्टोन ने 70 गेंदों का सामना करते हुए 27 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया ने दिखाई समझदारी
इससे पूर्व दूसरे दिन की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन के स्कोर 327/7 से दूसरे दिन की शुरुआत की। टीम ने ऑस्ट्रेलिया ने 328 पर शुरुआती विकेट खो दिया। एनाबेल सदरलैंड 8 रन पर आउट हो गई। उनके विकेट के बाद जेस जोनासेन (2 रन) भी आउट हो गई। इसके बाद कंगारूओं का स्कोर 337/9 रन हो गया। एक के बाद एक दो विकेट गंवाकर ऑस्ट्रेलिया ने पारी घोषित कर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए बुला लिया। ऑस्ट्रेलिया को पता था कि सुबह के सत्र में गेंदबाजों को पिच से मदद मिलेगी इसलिए बगैर समय गंवाए इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए बुला लिया। टीम को इस रणनीति का फायदा भी मिला।
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