उन्होंने कहा, हर कप्तान का कोई न कोई पसंदीदा खिलाड़ी होता है और धोनी के पसंदीदा खिलाड़ी रैना थे। युवराज ने 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए कहा कि उस समय युसूफ पठान अच्छा खेल रहे थे और रैना उतना बढ़िया नहीं खेल रहे थे लेकिन युसूफ की जगह सुरेश रैना को लिया गया क्योंकि वे धोनी के फेवरेट थे।
नई दिल्ली. युवराज सिंह ने एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि धोनी अपने पसंदीदा खिलाड़ी को ज्यादा मौका देते थे। सुरेश रैना उनके फेवरेट थे और यही वजह है कि उन्हें टीम में लगातार रखा जाता था।
रैना के पीछे हमेशा धोनी का सपोर्ट था
युवी ने स्पोर्टस तक से बातचीत करते हुए ये सारी बातें कही हैं। उन्होंने कहा, हर कप्तान का कोई न कोई पसंदीदा खिलाड़ी होता है और धोनी के पसंदीदा खिलाड़ी रैना थे। युवराज ने 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए कहा कि उस समय युसूफ पठान अच्छा खेल रहे थे और रैना उतना बढ़िया नहीं खेल रहे थे लेकिन युसूफ की जगह सुरेश रैना को लिया गया क्योंकि वे धोनी के फेवरेट थे। रैना के पीछे हमेशा धोनी का सपोर्ट था।
आखिर क्या हुआ था 2007 T-20 वर्ल्ड कप में
उन्होंने इसके अलावा 2007 T-20 वर्ल्ड कप में एंड्रू फ्लिंटॉफ के साथ हुए झगड़े के बारे में भी बताया। युवी ने कहा- शुरूआत उसने की थी। मैंने उसकी दो अच्छी गेंदों पर चौके जड़े थे, इसके बाद उसने कहा कि शॉट अच्छा नहीं था। इसके बाद हम दोनों के बीच बहस हो गई उसने मुझे कहा कि बाहर आ गला काट दूंगा। इस पर मैंने जवाब दिया कि बाहर तो बाद की बात है, पहले यह बल्ला देख जाएगा कहाँ। उसके बाद अम्पायर नेबीच बचाव कर झगड़े को समाप्त किया।
बता दें कि इस झगड़े के बाद ही युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में तूफानी मचाया था और लगातार छह छक्के जड़ दिए थे। युवराज ने इस मैच में महज 12 गेंदों में अर्धशतक जड़ा था।
(प्रतीकात्मक फोटो)