BJP सांसद ने कहा, गोली चलाने का आरोपी जिस पार्टी से, उसकी मान्यता की जाए रद्द।

एक राजनीतिक दल की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए भाजपा के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में बुधवार को कहा कि दिल्ली में एक इलाके में गोली चलाने वाला व्यक्ति इस राजनीतिक दल से संबद्ध रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 11:44 AM IST

नई दिल्ली.  एक राजनीतिक दल की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए भाजपा के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में बुधवार को कहा कि दिल्ली में एक इलाके में गोली चलाने वाला व्यक्ति इस राजनीतिक दल से संबद्ध रहा है।

चुनाव का नहीं होना चाहिए अपराधीकरण- भूपेन्द्र यादव

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की बुनियाद होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने चाहिए और इनका अपराधीकरण नहीं होना चाहिए। यादव ने कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ‘‘चुनाव आयोग ने दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों को बुला कर परामर्श जारी किया। ’’ उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल तीन दिन से आशंका जाहिर कर रहा था। ‘‘लोग उस समय हतप्रभ रह गए जब चुनाव के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चल रही तैयारियों के बीच अचानक ही एक जगह पर गोलीबारी होने लगी।’’

जिस दल का है आरोपी उस दल की मान्यता रद्द होनी चाहिए

इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। यादव ने कहा कि वह किसी का भी नाम नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोलीबारी करने वाला व्यक्ति एक राजनीतिक दल से संबद्ध रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उस व्यक्ति की फोटो जारी की है। यादव ने कहा कि उस राजनीतिक दल की मान्यता रद्द की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि गोली चलाने के आरोपी की फोटो जारी करने की वजह से पुलिस के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

इससे पहले, बैठक शुरू होने पर भाजपा के विजय गोयल ने कहा कि शाहीन बाग इलाके में गोली चलाने वाला व्यक्ति एक राजनीतिक दल से जुड़ा रहा है। इस पर कांग्रेस और आप सदस्यों ने विरोध जताया। सभापति एम वेंकेया नायडू ने गोयल को बैठने के लिए कहा। नायडू ने कहा ‘‘कुछ भी कहने से पहले आसन की अनुमति ली जानी चाहिए। ’’ सभापति ने कहा कि उन्होंने गोयल को अनुमति नहीं दी है अत: कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।

कांग्रेस ने राज्यों को दिए जाने वाले 42% राजस्व का मुद्दा उठाया

शून्यकाल में ही कांग्रेस के जयराम रमेश ने 14वें वित्त आयोग के अनुसार राज्यों को दिए जाने वाले 42 फीसदी राजस्व का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 42 फीसदी राजस्व देने की बात तो दूर है, पहले तो केवल 35 फीसदी राजस्व राज्यों को दिया गया और इस साल मार्च में अनुमान है कि 30 फीसदी राजस्व ही दिया जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘यह वादाखिलाफी है।’’

रमेश ने मांग की कि बेहतर काम करने वाले राज्यों को वित्त आयोग दंडित न करे। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और बजट पर चर्चा के दौरान इस पर बात की जा सकती है।

दिग्विजय  ने कहा राज्यों को GST  का हिस्सा दिया जाना चाहिए

कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब सरकार जीएसटी ला रही थी तब राज्यों ने अपने अधिकार छोड़ कर इसे समर्थन दिया था। जीएसटी के कारण राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने की बात सरकार ने कही थी। उन्होंने कहा ‘‘सरकार ने 2019-20 में दो बजट पेश किए। एक बजट में मध्यप्रदेश का हिस्सा 2000 और दूसरे में 12000 करोड़ घटा दिया गया। इस प्रकार मप्र को 14000 करोड़ का घाटा हुआ।’’ सिंह ने सरकार से मांग की कि राज्यों को उनका पूरा हिस्सा दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस ने विमानों की सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया

इसी पार्टी के प्रताप सिंह बाजवा ने विमानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए शून्यकाल में मांग की कि एयरबस 320 एनइओ इंजन वाले विमानों को बदला जाना चाहिए। बाजवा ने दावा किया कि इंडिगो एयरलाइन के विमानों में ऐसे इंजनों की वजह से डेढ़ साल में तकनीकी खराबी के 22 मामले हुए। उन्होंने कहा कि गो एयर के पास ऐसे 41 विमान हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे इंजनों वाले विमानों को बदलने के लिए जनवरी तक की तय समय सीमा अब बढ़ा कर मई कर दी गई है। बाजवा ने सरकार से ऐसे विमानों को तत्काल बदले जाने की मांग की।

तेदेपा के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार ने सांसदों, विधायकों के खिलाफ चल रहे अदालती मामलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई शीघ्र करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। इस पर वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने आपत्ति जताई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा ‘‘उच्चतम न्यायालय ने ऐसे लोगों के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन की व्यवस्था दी है।’’ द्रमुक के तिरूचि शिवा ने ईपीएफ से जुड़ा मुद्दा उठाया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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