कोरोना वायरस : कोर्ट के प्रवेश गेट पर इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर लगाने की मांग, दिल्ली HC में याचिका दायर

एक वकील मोहित कुमार गुप्ता द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 विषाणु अत्यधिक संक्रामक है और यह एक बार में एक से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है जिसका अभी कोई टीका भी उपलब्ध नहीं है। अगर यह अदालतों में फैलता है तो ‘‘आम आदमी के लिए न्यायिक व्यवस्था असल में पहुंच से बाहर हो जाएगी।’’

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2020 9:36 AM IST / Updated: Mar 13 2020, 08:19 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र के जरिए भेजी याचिका में कोरोना वायरस को उसके परिसर तथा राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिला अदालतों में फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने का अनुरोध किया गया है।

कोर्ट में वायरस फैलने का सबसे ज्यादा खतरा

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एक वकील मोहित कुमार गुप्ता द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 विषाणु अत्यधिक संक्रामक है और यह एक बार में एक से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है जिसका अभी कोई टीका भी उपलब्ध नहीं है। अगर यह अदालतों में फैलता है तो ‘‘आम आदमी के लिए न्यायिक व्यवस्था असल में पहुंच से बाहर हो जाएगी।’’ गुप्ता ने पत्र में कहा, ‘‘किसी व्यक्ति के विषाणु की चपेट में आने से पहले रोकथाम सबसे अच्छा इलाज है और इसके बाद चिकित्सीय देखरेख में अलग रखना ही एकमात्र उम्मीद है।’’

याचिकाकर्त्ता ने मौजूदा हालात पर आकलन करने की बात कही

उच्च न्यायालय के महा पंजीयक को संबोधित करके लिखे गए पत्र में विशेष परिस्थितियों के अलावा वादियों के अदालतों में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, अदालत परिसरों तथा वकीलों के चैंबर में प्रवेश पर रोक लगाने, सैनिटाइजर को आसानी से उपलब्ध कराना तथा सुरक्षा एवं अदालत कर्मचारियों द्वारा मास्क का इस्तेमाल करने समेत कुछ एहतियातन उपाय सुझाए गए हैं। गुप्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि ‘‘अदालत परिसर में मौजूदा हालात का पूर्व आकलन करने, एहतियातन उपाय सुझाने और उपचारात्मक कदम’’ उठाने के लिए एम्स या दिल्ली में स्थित अन्य चिकित्सा संस्थानों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दल गठित किया जाए।

कोर्ट के प्रवेश गेट पर इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर लगाने की मांग

वकील ने विषाणु का पता चलने की स्थिति में ‘‘मदद करने तथा परिसर खाली कराने के उपायों’’ के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी सुझाव दिया। साथ ही अदालत के प्रवेश/निकास द्वार पर ‘इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर’ जैसे उपकरण लगाने का भी सुझाव दिया। याचिका में दिल्ली सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत एन95/आर95 मास्क और अल्काहोल आधारित हैंड सैनिटाइजर जैसे एहतियाती सामान को अधिसूचित करने का भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।) 

(फाइल फोटो)

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