दिल्ली चुनाव में निर्भया के दोषियों का मुद्दा, मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर ऐसे निकाला गुस्सा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्भया के दोषियों को फांसी देने का मामला छाया हुआ है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से दोषियों को फांसी देने में देर हुई। जिसके बाद आप नेताओं ने कहा था कि हम खुद चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी हो। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 12:09 PM IST / Updated: Jan 24 2020, 05:52 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्भया के दोषियों को फांसी देने का मामला छाया हुआ है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से दोषियों को फांसी देने में देर हुई। जिसके बाद आप नेताओं ने कहा था कि हम खुद चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी हो। अब मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर एक बार फिर से अपनी पार्टी का पक्ष रखा है और गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि निर्भया के दोषियों ने सिस्टम का मजाक बना कर रख दिया है।

मनीष सिसोदिया का पूरा ट्वीट
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, निर्भया केस में वकील फांसी को देर करने की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह वह सिस्टम का मजाक बना रहे हैं। हमें तेज न्याय को  सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना होगा। जिससे न्याय को सक्षम बनाने और सभी खामियों को दूर करने के लिए कानूनों में बदलाव किया जाए।

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मनोज तिवार ने लगाया था बड़ा आरोप
रविवार को दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था कि निर्भया मामले के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय आप सरकार दोषियों की फांसी की सजा को टालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि जिस न्याय के लिए निर्भया का परिवार आठ साल से संघर्ष कर रहा है,  उसे टालने का काम किसी अन्य पार्टी ने नहीं किया, जैसा आम आदमी पार्टी ने किया।

8 फरवरी को है मतदान
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान है। वहीं दूसरी तरफ 1 फरवरी को निर्भया के दोषियों को फांसी होनी है। पूरा देश एक तरफ से निर्भया के दोषियों के लिए मौत की मांग कर रहा है। ऐसे में अगर चुनाव में आप पर ऐसा आरोप लगता है तो निश्चित तौर पर यह आप के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दिल्ली चुनाव के नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।  

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड 
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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