कांग्रेस का डंड़ा खाने के लिए आखिर क्या उपाय करेंगे पीएम मोदी, खुद बताया...

पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्यों नहीं हुआ, कब होगा, कैसे होगा?  

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2020 8:20 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 01:57 PM IST

नई दिल्ली. पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्यों नहीं हुआ, कब होगा, कैसे होगा? जैसे सवाल करने वालों का मैं बुरा नहीं मानता, मैं समझता हूं कि आप मान चुके हैं कि करेगा तो यही यानी मोदी करेगा।

"डंडे खाने के लिए पीठ मजबूत करूंगा"

पीएम मोदी ने राहुल गांधी के डंडे मारेंगे वाले बयान पर कहा, मैं डंडे खाने के लिए पीठ मजबूत करूंगा। मैं सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा, जिससे मेरी पीठ मजबूत हो जाएगी।

राहुल ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने बुधवार को एक चुनावी रैली में कहा था, 6 महीने बाद देश के युवा पीएम मोदी को डंडे मारेंगे। इसपर मोदी ने कहा, मैंने भी तय कर लिया कि सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। ताकि मेरी पीठ को मार झेलने की सहनशक्ति बढ़ जाए। 

- पीएम मोदी ने कहा, पिछले 20 साल से गाली सुनने की आदत पड़ गयी है। राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि 35 मिनट से बोल रहा हूं लेकिन अब जाकर करंट लगा है। उन्होंने कहा, 30-40 मिनट से बोल रहा था मगर करंट पहुंचते हुए इतनी देर लगी। ट्यूबलाइट के साथ ऐसा ही होता है।
 

क्या बोले पीएम मोदी
- हमने वित्तीय घाटा नहीं बढ़ने दिया। एफडीआई भी 26 मिलियन डॉलर के पार हुआ।
- नॉर्थ ईस्ट वालों को जो दिल्ली दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है। 
- चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, हमने ये सब करने का प्रयास किया है।
- अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते,13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता, 2 करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते। 
- लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता।
- आपकी ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। 
- आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कोरिडोर कभी नहीं बन पाता। आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता।
- लोगों ने सिर्फ सरकार नहीं बदली, सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है। 
- यदि हम उसी तरह चलते जिस तरह से आप लोग चलते थे, जिस रास्ते की आपको आदत हो गई थी, तो 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटाता, मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती।
 

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