शाहीन बाग में सीएए के विरोध में प्रदर्शन जारी है। इस बीच खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने अनोखे अंदाज में पीएम मोदी को मिलने और बातचीत करने के लिए न्योता दिया है। उन्होंने दिल के आकार के पोस्टरों पर संदेश लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहीन बाग आएं, अपना गिफ्ट स्वीकार करें और हमसे बात करें।
नई दिल्ली. शाहीन बाग में सीएए के विरोध में प्रदर्शन जारी है। इस बीच खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने अनोखे अंदाज में पीएम मोदी को मिलने और बातचीत करने के लिए न्योता दिया है। उन्होंने दिल के आकार के पोस्टरों पर संदेश लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहीन बाग आएं, अपना गिफ्ट स्वीकार करें और हमसे बात करें। इससे एक दिन पहले एक टीवी इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए पर मुझसे कोई भी बात करना चाहता है तो वह मेरे ऑफिस से संपर्क करे। तीन दिन के अंदर उससे बात की जाएगी।
15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम की बटन इतनी तेजी से दबाना की करंट शाहीन बाग में लगे।
शाहीन बाग मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।