कांग्रेस की अजीब मुश्किल, पार्टी अस्तित्व बचाने के संकट में है और दिग्गज चाहते हैं बेटे बेटियों की लांचिंग

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने एक तरफ अपने अस्तित्व को बचाने का संकट है तो दूसरी ओर पार्टी के दिग्गज नेता अपने-अपने बेटे और बेटियों  की सियासी लांचिंग की कवायद में हैं

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2020 5:31 AM IST / Updated: Jan 11 2020, 11:30 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने एक तरफ अपने अस्तित्व को बचाने का संकट है तो दूसरी ओर पार्टी के दिग्गज नेता अपने-अपने बेटे और बेटियों  की सियासी लांचिंग की कवायद में हैं। इस फेहरिश्त में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष  सुभाष चोपड़ा से लेकर पूर्व सांसद  महाबल मिश्रा, जेपी अग्रवाल सहित तमाम पूर्व विधायक अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढाने के लिए अपने बेटे और बेटियों के लिए टिकट मांग रहे हैं।

कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ अपने दिग्गज नेताओं को उतारने की कवायद में है। ऐसे में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं खुद चुनावी रण में उतरने के बजाय वो  बेटे-बेटियां के टिकट के जुगत में हैं। विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं के बच्चे परंपरागत सीट पर चुनावी तैयारी भी शुरू कर दी है।

Latest Videos

अपने बच्चों के लिए चाहते हैं टिकट

कांग्रेसी दिग्गज अपनी पसंदीदा सीट और इलाका नहीं छोड़ना चाहते हैं, लेकिन उम्र की वजह से वो इसे अपनी राजनीतिक विरासत में बच्चों को सौंपने के लिए बेताब हैं। ऐसे में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से करीब एक दर्जन सीट ऐसी हैं, जहां कांग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व सांसद अपने बेटे-बेटियों को चुनावी मैदान में उतारनो चाहती है। 

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद रहे महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा द्वारका विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं। महाबल मिश्रा दिल्ली में पार्टी के पूर्वांचली चेहरा माने जाते हैं और पार्षद से सांसद तक का सफर तय किया है। महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा 2013 में पालम सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत नहीं सके। अब एक बार उन्होंने टिकट की दावेदारी की है, लेकिन पालम के बजाय द्वारका सीट से किस्मत आजमाना चाहते हैं।

चांदनी चौक सीट पर भी रार

पूर्व सांसद और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल भी इस बार चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने टिकट की डिमांड की है और चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि इस सीट से मौजूदा विधायक अलका लांबा आम आदमी पार्टी से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं और चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है और वो अलका लांबा और मुदित अग्रवाल में से किसे टिकट दे।

सुभाष चोपड़ा बेटी को बनाना चाहते है उम्मीदवार  

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा कालकाजी विधानसभा सीट से खुद लड़ने के बजाय अपनी बेटी शिवानी चोपड़ा को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। सुभाष चोपड़ा इस सीट से लगातार विधायक रहे हैं और 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा है। इस बार के चुनाव में सुभाष चोपड़ा खुद चुनाव लड़ने के बजाय अपनी बेटी को चुनावी मैदान में उतार का मन बनाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिवानी चोपड़ा कालकाजी से चुनावी ताल ठोक सकती हैं।

कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व पार्टी के आगे चुनौती

पूर्व मंत्री और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रहे योगानंद शास्त्री भी मालवीय नगर से अपनी बेटी के लिए टिकट चाहते हैं। इस सीट से योगानंद शास्त्री 1998 से 2008 तक लगातार विधायक रहे हैं और शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे हैं। अब वो अपनी बेटी को राजनीतिक विरासत सौंपना चाहते हैं। दक्षिण दिल्ली से सांसद रहे सज्जन कुमार के बेटे जगप्रवेश को चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं। वो संगम विहार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं। 

ऐसे ही मॉडल टाउन विधानसभा सीट से कंवर करण सिंह इस बार अपनी बेटी को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इसी तरह से मुस्तफाबाद सीट से विधायक रहे हसन अहमद भी अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में देखना है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व पार्टी के किन दिग्गज नेताओं के बच्चों के टिकट देकर दिल्ली के चुनावी मैदान में उतारती है।

(फाइल फोटो)

Share this article
click me!

Latest Videos

Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के नूंह में जनता को संबोधन।
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024
'घंटा-शंख से परेशानी है तो कान बंद कर लो', Yogi ने किसे बताया चंड-मुंड और महिषासुर
हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद 7 दिन में ही पैदा हो गए 100 'नसरल्लाह' । Nasrallah
इन 7 देशों ने चौतरफा दुश्मनों से घिरे दोस्त इजराइल का साथ बीच मझधार में छोड़ा । Israel Iran Conflict