Chandra grahan 2022: 8 नवंबर, मंगलवार को होने वाला साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है। चंद्र ग्रहण पहले पहले अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई दिया। इसके बाद कोलकाता और कोहिमा में भी ऐसा ही नजारा दिखाई दिया।
उज्जैन. साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है। ग्रहण का समापन शाम 6.19 पर हुआ। इसके साथ ही सूतक भी खत्म हो गया। इसके बाद उपच्छाया चंद्र ग्रहण शाम 7.26 बजे तक रहेगा, लेकिन इसकी कोई मान्यता नहीं रहेगी। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और घर को भी अच्छी तरह से धोएं। भगवान की प्रतिमाओं को स्नान करवाएं और पूजा करें। ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को दान करें। इन सभी कामों को करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कुछ कम हो सकता है।
2040 में फिर देव दीपावली पर होगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय तुला राशि में त्रिग्रही योग बनेगा। इस राशि में बुध, सूर्य और शुक्र ग्रह एक साथ रहेंगे, जिसके चलते बुधादित्य और लक्ष्मीनारायण योग इस समय बनेंगे। शनि स्वराशि मकर में और गुरु भी स्वराशि मीन में रहेगा। चंद्रमा और राहु मेष राशि में, मंगल मिथुन राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली पर चंद्र ग्रहण का संयोग इसके पहले 2012 और 1994 में भी बन चुका है। अगले ऐसा संयोग 18 साल बाद यानी 2040 में देखने को मिलेगा।
कहां पूर्ण और कहां आंशिक रूप से दिखा चंद्र ग्रहण?
ईटानगर- पूर्ण- 4.23
कोलकाता- पूर्ण- 4.52
कटक- पूर्ण- 5.05
भुवनेश्वर- पूर्ण- 5.05
पटना- पूर्ण- 5.00
रांची- पूर्ण- 5.03
कोहिमा- पूर्ण- 4.23
गया- पूर्ण- 5.02
लखनऊ- आंशिक- 5.16
रायपुर- आंशिक- 5.21
भोपाल- आंशिक- 5.36
हैदराबाद- आंशिक- 5.40
चेन्नई- आंशिक- 5.38
बेंगलुरु- आंशिक- 5.49
मुंबई- आंशिक- 6.01
गांधीनगर- आंशिक- 5.55
जयपुर- आंशिक- 5.37
उदयपुर- आंशिक- 5.49
इंदौर- आंशिक- 5.43
दिल्ली- आंशिक- 5.28
उज्जैन- आंशिक- 5.42
देहरादूर- आंशिक- 5.22
अमृतसर- आंशिक- 5.32
जम्मू- आंशिक- 5.30
अहमदाबाद- आंशिक- 5.56
पुणे- आंशिक- 5.57
सूरत- आंशिक- 5.57
नागपुर- आंशिक- 5.32
ये भी पढ़ें-
Chandra Grahan 2022 A-Z: चंद्र ग्रहण और सूतक का समय, राशियों पर असर, क्या करें-क्या नहीं? जानें हर बात
Chandra Grahan 2022: इन 4 ग्रहों के संयोग से होते हैं ग्रहण, जानें ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
Chandra Grahan 2022: 18 साल बाद फिर बनेगा सूर्य-चंद्र ग्रहण का दुर्लभ संयोग, जानें क्यों खास रहेंगे ये ग्रहण?