Surya Grahan 2022: आपके मन में भी है सूर्य ग्रहण को लेकर कोई सवाल तो इन 10 प्वाइंट में जानें उसका जवाब

Surya Grahan 2022:  सूर्य ग्रहण वैसे तो एक साधारण खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म में इससे जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं इसे खास बनाती हैं। इस बार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 24 अक्टूबर, मंगलवार को होने जा रहा है।
 

उज्जैन. समय-समय पर ग्रहों के संयोग से सूर्य व चंद्र ग्रहण होते रहते हैं। इस बार साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) 25 अक्टूबर, मंगलवार को होने जा रहा है। दीपावली के ठीक अगले दिन होने से ये ग्रहण बहुत ही खास रहेगा, क्यों ऐसा दुर्लभ संयोग बहुत ही कम बार बनता है। आज हम आपको सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो आप सभी के लिए जानना बहुत जरूरी है। आगे जानें सूर्य ग्रहण से जुड़ी हर खास बात…

1. कब से कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण? (Timing of solar eclipse October 2022 in India)
भारतीय समयानुसार, सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, मंगलवार को आइसलैंड में दोपहर 02.29 से शुरू होगा और शाम 06.32 पर अरब सागर पर खत्म होगा। भारत में ग्रहण का आरंभ शाम को 4.22 से होगा और सूर्यास्त के साथ ही ये समाप्त भी हो जाएगा। भारत में ग्रहण का मध्य काल यानी पिक टाइम शाम 05.28 होगा।

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2. किन-किन देशों में दिखाई देगा ये सूर्य ग्रहण? (In which countries will this solar eclipse be visible?)
25 अक्टूबर को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत के अलावा उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों, के अलावा मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में दिखाई देगा। जहां-जहां ये ग्रहण दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसका ज्योतिषी और धार्मिक प्रभाव माना जाएगा।

3. भारत में कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण? (Where will the solar eclipse be visible in India?)
भारत में ये सूर्य ग्रहण जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखंड, पंजाब, लेह-लद्दाख, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में दिखाई देगा। वहीं कर्नाटक, मुंबई, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल और बिहार में थोड़े समय के लिए दिखाई देगा। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, नगालैंड में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

4. क्या भारत में इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता रहेगी?
ये ग्रहण भारत में जहां-जहां भी दिखाई देगा, वहां इसका धार्मिक मान्यताएं जैसे सूतक आदि मान्य रहेंगी। यानी 25 अक्टूबर की सुबह से 26 अक्टूबर की सुबह तक सूतक संबंधित सभी नियमों का पालन करना जरूर होगी। धार्मिक के साथ-साथ ज्योतिषी प्रभाव भी सूर्य ग्रहण का मान्य रहेगा।

5. कब से कब तक रहेगा सूतक काल? (Sutak kaal Timing In India)
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 अक्टूबर, मंगलवार की तड़के 04.22 से शुरू हो जाएगा। चूंकि ग्रहण का समापन सूर्यास्त के बाद होगा, इसलिए इसका सूतक काल अगले दिन यानी 26 अक्टूबर, बुधवार की सुबह सूर्योदय तक माना जाएगा। इस तरह सूर्य ग्रहण का सूतक काल 24 घंटे से भी अधिक समय तक रहेगा। 

6. सूतक काल के दौरान क्या करें-क्या नहीं? (Do's and don'ts during solar eclipse?)
मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के दौरान कुछ भी खाए-पिए नहीं। भगवान की पूजा भी न करें। हां मंत्र जाप जरूर कर सकते हैं। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। ग्रहण के दौरान धारदार चीजों का उपयोग न करें जैसे चाकू, कैंची आदि। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

7. सूतक काल के बाद क्या करें? (What to do after solar eclipse?)
सूर्य ग्रहण का सूतक 26 अक्टूबर, बुधवार की सुबह तक माना जाएगा। इस दिन सुबह उठते ही घर को अच्छी तरह से धोएं। संभव हो तो गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें। इसके बाद स्वयं भी स्नान करें। भगवान की प्रतिमाओं को स्नान करवाएं और मंदिर को भी अच्छी तरह से साफ करें। ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। इससे समस्याएं कम होती हैं।

8. सूर्य ग्रहण पर ग्रहों का कौन-सा योग बन रहा है?
ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार ग्रहण के समय बुध कन्या में, शुक्र तुला में, शनि मकर में और गुरु मीन राशि में रहेंगे। यानी ये चारों ग्रह अपनी-अपनी स्वराशि है। 4 ग्रह स्वराशि में होते हुए सूर्य ग्रहण का संयोग पिछले 1300 सालों में नहीं बना है। इसलिए ये ग्रहण बहुत ही खास है।

9. दीपावली पर कब-कब बना ग्रहण का संयोग? (When did the coincidence of eclipse happen on Deepawali?)
ज्योतिषियों के अनुसार, दीपावली के आस-पास पहले भी कई बार सूर्य ग्रहण का संयोग बन चुका है। गोवर्धन पूजा वाले दिन सूर्य ग्रहण 260 साल पहले हुआ था यानी 17 अक्टूबर 1762 को। इसके बाद 1949, 1967, 1985 को भी दीपावली पर सूर्य ग्रहण का संयोग बन चुका है।

10. किस राशि पर होगा सूर्य ग्रहण का सबसे अशुभ प्रभाव? (On which zodiac sign will the solar eclipse have the most inauspicious effect?)
ये ग्रहण तुला राशि में होगा। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और केतु तुला राशि में ही रहेंगे। इनके अलावा शुक्र ग्रह भी इसी राशि में रहेगा। ग्रहण के प्रभाव के कारण इस राशि के लोगों को खान-पान पर नियंत्रण रखना होगा और वाहन चलाते समय भी सावधानी रखनी होगी। 


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