Goa Chunav: गोवा में रिकॉर्ड 78.94% मतदान, सांकेलिम में 89.64% मतदाताओं ने डाला वोट

Published : Feb 14, 2022, 11:10 PM IST
Goa Chunav: गोवा में रिकॉर्ड 78.94% मतदान, सांकेलिम में 89.64% मतदाताओं ने डाला वोट

सार

गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी कुणाल ने बताया कि राज्य में 78.94% वोटिंग हुई। सबसे अधिक (89.64%) मतदान सांकेलिम निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज किया गया।

पणजी। गोवा के 40 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार को मतदान हुआ। गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी कुणाल ने बताया कि राज्य में 78.94% वोटिंग हुई। सबसे अधिक (89.64%) मतदान सांकेलिम निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज किया गया। उत्तरी गोवा में अधिकतम 79 फीसदी और दक्षिण गोवा में अधिकतम 78 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के दौरान 14 ईवीएम और 8 बैलेट बदले गए। सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 6 बजे समाप्त हुआ। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।

गोवा में बहुकोणीय चुनावी मुकाबले में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनौती दी है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत कांग्रेस के धर्मेश सगलानी के खिलाफ सांकेलिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मडगांव सीट से भाजपा उम्मीदवार मनोहर अजगांवकर को कांग्रेस उम्मीदवार दिगंबर वसंत कामत के खिलाफ खड़ा किया गया है।

गोवा विधानसभा में 40 सदस्य हैं। भाजपा के पास वर्तमान में 17 विधायक हैं और उसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विजय सरदेसाई और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं और दूसरी ओर कांग्रेस के पास 15 विधायक हैं।

बीजेपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती
भाजपा के दिग्गज नेता और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति में बीजेपी के सामने गोवा में सत्ता बनाए रखने की कठिन चुनौती है। वहीं, कांग्रेस खोई हुई जमीन फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव को बहुकोणीय बना दिया है। 

दरअसल, पर्रिकर को गोवा में भाजपा के उदय का सूत्रधार माना जाता है। हाल के वर्षों में गोवा में पर्रिकर के बिना भाजपा के लिए यह पहला विधानसभा चुनाव है। उनके बेटे उत्पल पर्रिकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पणजी विधानसभा क्षेत्र में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा द्वारा टिकट देने से इनकार करने के बाद उत्पल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह पणजी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

 

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