
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujrat Vidhansabha Chunav 2022) में निर्वाचन आयोग ने आज तारीखों का ऐलान कर दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी दो चरणों में वोटिंग होगी, जिसमें पहले चरण के लिए 89 सीट पर 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण के लिए 93 सीट पर 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। वैसे, तो सभी पार्टियां पूरे दमखम से चुनाव प्रचार में जुटी हैं और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। मगर अब तक ओपिनियन पोल्स में भाजपा सातवीं बार भी सत्ता में आती दिख रही है।
बहरहाल ये तो 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम वाले दिन पता चलेगा कि किसने कितना दम लगाया और जनता ने किसे पसंद किया। मगर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार चुनाव में हिंदू-मुस्लिम वाला ऐंगल उतना हावी नहीं रहेगा, जितना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरातियों के बीच छवि, बिल्किस बानो के दोषियों की समय से पहले सजा माफी, छठ के दिन मोरबी में मच्छू नदी पर झूला पुल टूटने से हुई मौतें जैसे 10 मुद्दे हावी रहेंगे। आइए जानते हैं उन मुद्दों के बारे में-
नरेंद्र मोदी की जादुई छवि
भाजपा के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तौर पर बड़ी ताकत है। मोदी राज्य में 2001 से 2014 तक सीएम रहे। 8 साल पहले 2014 में यह पद उन्होंने भले छोड़ दिया, मगर उनका जादू अब भी कायम है।
बिल्किस बानो केस
गुजरात में बिल्किस बानो गैंगरेप केस में दोषी ठहराए गए लोगों की सजा कम करने का असर राज्य की अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक आबादी के बीच अलग-अलग देखने को मिल सकता है। एक पक्ष न्याय की मांग कर रहा है, तो दूसरा इसे ज्यादा गंभीर नहीं मानते हुए पर्याप्त सजा मान रहा है।
मोरबी पुल हादसा
गुजरात के मोरबी शहर में बीते 30 अक्टूबर को मच्छू नदी पर बने झूला पुल के टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में प्रशासन की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है। ऐसे में लोगों के बीच यह वोटिंग वाले दिन एक अहम मुद्दा हो सकता है।
विभिन्न एग्जाम के पेपर लीक
राज्य में एक के बाद एक एग्जाम के पेपर लीक होने के मामले सामने आ गए। कई मामलों में तो एग्जाम टले और अब तक नहीं हुए। ऐसे में युवा वर्ग भी नाराज है। देखना होगा कि इसका कितना और किस पर असर पड़ता है।
भूमि अधिग्रहण
कई सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, जिससे उनमें नाराजगी है। इस वजह से राज्य में कई प्रोजेक्ट अटके हुए भी हैं। कई जगह किसान जमीन अधिग्रहित किए जाने का भारी विरोध कर रहे हैं।
कुछ इलाके में खराब सड़कें
गुजरात में पिछले कुछ साल में सड़कें खराब हुई हैं। नगरीय प्रशासन भी इन पर ध्यान नहीं दे रहा, जिससे लोग नाराज हैं। जगह-जगह गड्ढे होने से बारिश में लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा था।
मुआवजे पर किसानों की नाराजगी
दरअसल, भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ किसानों में नारजगी है कि उन्हें बारिश या फिर कम पानी की वजह से खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसको लेकर बहुत से किसानों में आक्रोश है।
बिजली के बिल
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां बिजली बिल काफी अधिक है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की बात कही है। सूरत और सौराष्ट्र में लोग इसे पसंद कर रहे हैं। बहरहाल, देखना होगा कि यह मुद्दा कितना असर डालता है।
विभिन्न मुद्दे पर सरकार से नाराजगी
भाजपा राज्य में बीते 27 साल से है। ऐसे में बहुत से लोगों में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी हो सकती है। इसमें महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरे प्रमुख मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
गांवों में शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधा की कमी
माना जा रहा है कि राज्य में अब भी दूरदारज में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां बुनियादी तौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक और अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी नहीं होने से लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं।
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