गुजरात चुनाव में बोले ओवैसी.. यूनिफॉर्म सिविल कोड से खुश नहीं, जानिए क्या आरोप लगाए 

Gujarat Assembly Election 2022: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे यूनिफॉर्म सिविल कोड के आने से खुश नहीं होंगे। उन्होंने दावा किया कि इसके आने से एक खास वर्ग को फायदा होगा और अल्पसंख्यक, दलितों तथा आदिवासियों को नुकसान।

Ashutosh Pathak | Published : Nov 26, 2022 11:38 AM IST

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को बताया कि क्यों वे और उनकी पार्टी यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रही है। ओवैसी ने कहा यूसीसी अल्पसंख्यक समाज, दलितों और आदिवासियों के लिए होगा और बहुसंख्यक समुदाय के लिए यह हिंदू कोड होगा। ओवैसी ने कहा कि आर्टिकल 29 के तहत उन्हें अपने कल्चर के प्रोटेक्शन का अधिकार है। भाजपा उनसे यह मूलभूत अधिकार नहीं छीन सकती। 

बता दें कि पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी हुआ था। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को हुई, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय थी। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर को हुई। गुजरात विधानसभा चुनाव में दोनों चरणों के लिए नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। पहले चरण के लिए प्रचार अभियान 29 नवंबर की शाम पांच बजे खत्म होगा। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख थी। दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर थी। 

क्या धर्म परिवर्तन के कानून को निकाल देगी सरकार 
ओवैसी ने यह सवाल भी उठाया कि अगर कोई अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो क्या इसका कानून निकाल दिया जाएगा। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि हिंदू धर्म को छोड़कर अगर कोई दूसरे मजहब में जाना चाहता है तो आप इसकी अनुमति नहीं देते। ओवैसी ने यह दावा भी किया कि कई राज्यों में ऐसे कानून हैं, जिसके तहत मुसलमानों को किसी खास इलाके में घर खरीदने की अनुमति कलेक्टर से नहीं मिलती। 

मलधारी समुदाय के लोगों को फारेस्ट साइट नहीं देने पर भी सवाल 
ओवैसी ने आरोप लगाया कि कच्छ के मलधारी समुदाय के लोगों को फारेस्ट साइट इसलिए नहीं देते, क्योंकि वे मुसलमान हैं, जबकि डांग जिले में दे दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा अपनी नाकामियां छिपाना चाहती है और इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की बात कह रही है। हालांकि, यह मूलभूत अधिकारों के खिलाफ होगा। ओवैसी ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमानों के साथ डिस्क्रिमिनेशन हो रहा है। 

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