गुजरात का प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर देवदीपावली के दिन रहेगा बंद, जानिए पुजारी ने क्यों लिया निर्णय

Published : Nov 05, 2022, 03:34 PM IST
गुजरात का प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर देवदीपावली के दिन रहेगा बंद, जानिए पुजारी ने क्यों लिया निर्णय

सार

Gujarat Assembly Election 2022: मशहूर अंबाजी मंदिर 8 नवंबर को देव दीपावली के बावजूद बंद रहेगा। इस दिन होने वाली सुबह की आरती सुबह चार बजे आयोजित की जाएगी और शाम की आरती रात साढ़े नौ बजे आयोजित होगी। यह निर्णय चंद्रग्रहण की वजह से लिया गया है। 

अहमदाबाद। Gujarat Assembly Election 2022: कार्तिक महीना शुरू हो चुका है और 8 नवंबर को देव दीवाली है। इसी दिन चंद्रग्रहण भी लग रहा है। ऐसे में विश्व प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर को पुजारी ने बंद रखने का निर्णय लिया है। अंबाजी मंदिर शक्तिपीठ के प्रवक्ता महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया हैं। 

उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों में आरती का समय सुबह 6.30 बजे है। मगर चंद्रग्रहण के दिन इसमें परिवर्तन कर सुबह 4 बजे कर दिया गया है। उसके बाद अंबाजी का मंदिर को बंद कर दिया जाएगा। यह सिलसिला रात नौ बजे तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि शाम 6.30 बजे आयोजित होने वाली आरती रात 9.30 बजे आयोजित होगी। इसके बाद 9 नवंबर से दर्शन तथा आरती का समय यथावत रहेगा।

6 और 7 नवंबर को ही होगा दीपदान 

वहीं, मंदिर के पुजारी भट्टजी महाराज ने बताया कि पूर्णिमा के दिन दीप दान का विशेष महत्व है। इसको देखते हुए 6 और 7 नवंबर को ही दीप दान किया जा सकेगा। बता दें कि अंबाजी का यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। यहां पूनम, अमावस्या सहित विभिन्न त्यौहारों पर दर्शन का अपना विशेष महत्व हैं। गुजरात सहित देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नत भी मांगते हैं। इसके पूरी हो जाने के बाद माताजी के दर्शन के लिए फिर आते हैं। यहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।  

काफी पुराना है यह सिद्धपीठ 

अंबाजी मंदिर के निर्माण के बारे में लोगों में कई तरह की दंतकथायें प्रचलित हैं। वहीं इसके निर्माण का काल 1584 से 1594 तक है। इसके निर्माण में अहमदाबाद के नागर भक्त तपिशंकर का नाम लिया जाता हैं। वहीं वल्लभी के शासक अरुण सेन का नाम भी लिया जाता हैं। वे सूर्यवंशी सम्राट थे। उन्होंने चौथी शताब्दी में इसका निर्माण करवाया था। अंबाजी मंदिर हिन्दू धर्म भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। 

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