जिसे पैदा किया, पढ़ाया-लिखाया वो बेटा चुनाव मैदान में बना दुश्मन, दिलचस्प है गुजरात की झगड़िया सीट पर मुकाबला

Gujarat Assembly Election 2022: भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के संस्थापक छोटू वसावा को इस बार झगड़िया विधानसभा सीट पर पार्टी से टिकट नहीं मिला। बीटीपी ने इस बार उनके बेटे महेश को आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है। 

गांधीनगर।  Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीट पर मुकाबला बेहद रोचक है। कहीं ननद-भाभी आमने सामने हैं तो कहीं चाचा-भतीजा। मगर एक सीट ऐसी भी है जहां पिता-पुत्र ही आमने-सामने आ गए हैं। जी हां, यह दिलचस्प मुकाबला है भरुच जिले की झगड़िया विधानसभा सीट पर। इस सीट पर गुजरात के प्रमुख आदिवासी नेता माने जाने वाले छोटू वसावा का मुकाबला उनके ही बेटे से है। 

दरअसल, गुजरात का प्रमुख राजनीतिक दल बीटीपी यानी भारतीय ट्राइबल पार्टी के संस्थापक छोटू वसावा ने झगड़िया विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है। इस सीट पर उनके बेटे महेश वसावा ने भी पर्चा भरा है। दिलचस्प यह भी है कि जिस पार्टी को छोटू वसावा ने खड़ा किया, उसी पार्टी से इस बार उन्हें टिकट नहीं देकर उनके बेटे महेश को मिल गया। ऐसे में बेटे को टक्कर देने के लिए छोटू वसावा ने निर्दलीय पर्चा भरा और चुनावी मैदान में कूद गए। 

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भाजपा को टक्कर देने के लिए बेटा सही उम्मीदवार नहीं- छोटू 
छोटू इस सीट पर सात बार विधायक रहे हैं। इस बार पार्टी ने छोटू की जगह उनके बेटे महेश को मैदान में उतार दिया। पिता की जगह इस सीट पर महेश का कब्जा है और वे ही बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। पार्टी से टिकट का ऐलान होने के बाद महेश ने नामांकन भर दिया, मगर छोटू को पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए बेटा सही उम्मीदवार नहीं है। वो भाजपा उम्मीदवार के सामने कमजोर साबित होगा, ऐसे में छोटू खुद बेटे को टक्कर देने के लिए खड़े हो गए और इसी सीट से पर्चा दाखिल कर दिए। 

नामांकन दाखिल करने का सबको अधिकार- महेश 
छोटू का कहना है कि भाजपा इस बार गुजरात में नहीं जीतेगी। देश से भी उसका जल्द सफाया होगा। हालांकि, बेटे में बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलते हुए उन्होंने कहा, मैं इस बार का चुनाव मैं खुद ही जीतूंगा। मैं आदिवासियों के हित की  लड़ाई लड़ रहा हूं और यह अंतिम सांस तक चलती रहेगी। इसका माध्यम कोई भी हो सकता है, चुनाव या सोशल मीडिया या फिर कुछ और। इस सीट से मुझे कोई नहीं हरा सकता। यह मेरी है और सिर्फ मेरी। छोटू यानी अपने पिता के नामांकन दाखिल किए जाने के बाद महेश ने कहा कि इस बार पार्टी ने मुझे इस सीट पर आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है और मैंने अपना पर्चा भर दिया है। नामांकन कोई भी दाखिल कर सकता है, मगर मैं पूरी मजबूती से चुनाव प्रचार कर रहा हूं और पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज करूंगा। 

1 दिसंबर को फर्स्ट फेज की वोटिंग  
बता दें कि इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी होगा। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय है। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर निर्धारित की गई है। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे। 

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