रिवाबा, सोलंकी, हार्दिक समेत इन 10 नेताओं की गुजरात चुनाव के 1st फेज में परीक्षा, जानें चुनौती और मजबूती

Gujarat Assembly Election 2022: भाजपा ने इस बार इंडियन क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को टिकट देकर जामनगर उत्तर से मैदान में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर धर्मेंद्र सिंह जडेजा भाजपा के टिकट पर जीते थे। पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। 

Ashutosh Pathak | Published : Nov 12, 2022 10:23 AM IST / Updated: Nov 12 2022, 05:10 PM IST

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार सभी दलों ने सत्ता हासिल करने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। इस बार भी पिछले विधानसभा चुनाव की तरह दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। रिजल्ट की घोषणा 8 दिसंबर को होगी। इस बार राज्य सरकार में पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, सात बार विधायक रह चुके कुंवर जी बावलिया, मोरबी पुल हादसे के बाद चर्चा में आए कांतिलाल अमृतिया, इंडियन क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा और गुजरात में आम आदमी पार्टी के महासचिव गोपाल इटालिया उन 10 प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिनकी सीटों पर वोटिंग पहले चरण में यानी एक दिसंबर को है। 

बता दें कि पहले चरण में कुल 182 विधानसभा सीट में से 89 सीट पर 1 दिसंबर को मतदान होगा। इन सीट पर से कुछ में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान बाकी है, मगर ज्यादातर सीटों पर सभी राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं इन 89 में 10 प्रमुख सीट जहां से भाजपा, कांग्रेस और आप के प्रत्याशी इस बार मैदान में हैं और इनकी किसी न किसी वजह से चर्चा हो रही है। 

कांतिलाल अमृतिया (भाजपा)- करीब दो हफ्ते पहले यानी 30 अक्टूबर को छठ पर्व के दिन मोरबी में माच्छू नदी पर बना झूला पुल टूट गया, तो इस हादसे में पुल पर खड़े बहुत से लोग नदी में गिर गए थे। इन्हें बचाने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया नदी में कूद गए थे और कुछ लोगों को जिंदा बाहर निकाल लाए। पिछले कुछ साल में भुला दिए गए कांतिलाल की बहादुरी के चर्चे जनता के बीच एक बार फिर होने लगी। इस वजह से भाजपा ने इन्हें एक बार फिर यहां से टिकट दिया। मोरबी के लोगों के बीच काना भाई के  नाम से मशहूर अमृतिया ने 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। 2017 के चुनाव में कानाभाई कांग्रेस के बृजेश मेराज से मुकाबले में हार गए थे। हालांकि, बृजेश भी बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें बृजेश ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। बृजेश इस समय गुजरात सरकार में मंत्री भी हैं। 

कुंवरजी बावलिया (भाजपा)- पिछले सात बार से राजकोट जिले की जसदान विधानसभा सीट से विधायक बावलिया पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। बाद में वे दल बदलकर भाजपा में शामिल हो गए। बावलिया ने कांग्रेस के टिकट पर जसदान से छह बार विधायकी का चुनाव जीता था। यही नहीं, 2009 में उन्होंने राजकोट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल भी की। 2017 में जसदान से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद बावलिया ने 2018 में पार्टी को इस्तीफा सौंपकर भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद यहां उपचुनाव हुआ, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। बावलिया को भाजपा ने विजयर रुपानी के मुख्यमंत्री काल में मंत्री भी बनाया था। कांग्रेस ने इस बार बावलिया के खिलाफ मैदान में कोली नेता भोलाभाई गोहेल को उतारा है। गोहेल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीत चुके हैं। 2017 में कांग्रेस ने गोहेल की जगह बावलिया को टिकट दिया था। 

बाबू बोखिरिया (भाजपा)- 69 साल के बोखिरिया मेर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पार्टी ने उन्हें पोरंबद सीट से एक बार फिर टिकट दिया है। बोखिरिया ने यह सीट 1995, 1998, 2012 और 2017 में जीती थी। 2002 और 2007 में बोखिरिया को उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने हरा दिया था। इस बार भी बोखिरिया और मोढवाडिया चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। 

भगवान बराड़ (भाजपा)- गिर-सोमनाथ जिले में तलाला विधानसभा सीट पर भाजपा ने भगवान बराड़ को टिकट दिया है। बराड़ हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। 63 साल के बराड़ ने खुद को मूल रूप से भाजपाई बताया। भगवान बराड़ अहीर समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। 2007 में उन्होंने तलाला विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। वहीं, उनके बड़े भाई जशु बराड़ ने 1998 और 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी। गिर-सोमनाथ जिले में चार विधानसभा सीट हैं, इसमें से तलाला भी एक है। भाजपा 2017 के विधानसभा चुनाव में जिले की एक भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी और सभी चारों विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। 

पुरुषोत्तम सोलंकी (भाजपा)- भावनगर ग्रामीण विधानसभा सीट पर सोलंकी का जबरदस्त प्रभाव है और शायद इसीलिए उनकी बिगड़ती सेहत के बावजूद पार्टी ने इस बार भी चुनाव में उन पर भरोसा जताया है। सोलंकी इस सीट से मौजूदा विधायक हैं और वे भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें कोली समुदाय के साथ-साथ पूरे गुजरात का एक मजबूत नेता माना जाता है। 

रिवाबा जडेजा (भाजपा)- क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा, जो पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर भी रही हैं, को भाजपा ने इस बार जामनगर उत्तर सीट से टिकट दिया है। हालांकि, रिवाबा का यह पहला चुनाव है और ऐसे में उन्हें चुनाव लड़ने का कोई अनुभव भी नहीं है। भाजपा ने इस बार जामनगर उत्तर से मौजूदा विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा का टिकट काटकर रिवाबा को मैदान में उतारा है। 

परेश धनानी (कांग्रेस)- अमेरली में इस बार कांग्रेस ने परेश धनानी को टिकट दिया है। परेश 2002 में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कम उम्र में ही भाजपा के दिग्गज नेता पुरुषोत्तम रुपाला को विधानसभा चुनाव में हरा दिया था। यह चुनाव गुजरात दंगों के बाद हुआ था और इसमें भाजपा सबसे अधिक सीटों से जीतकर वापस सरकार में लौटी थी। हालांकि, 2007 में परेश धनानी  चुनाव हार गए, मगर 2012 और 2017 के चुनाव में एक बार फिर उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। यह विधानसभा सीट पाटीदार बहुल सीट है। कांग्रेस उन्हें गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी जिम्मेदारी सौंप चुकी है। 

वीरजी थुम्मर (कांग्रेस)- अमरेली विधानसभा की लाठी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक वीरजी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंदी से पेश करने के लिए मशहूर हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर अमरेली से लोकसभा सदस्य भी चुने जा चुके हैं। 

गोपाल इटालिया (आप)- आम आदमी पार्टी ने इस युवा नेता को सूरत की कटारगाम विधानसभा सीट से टिकट दिया है। यह सीट पाटीदार बहुल सीट मानी जाती है। फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। इटालिया पाटीदार नेता हैं और भाजपा 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए पाटीदार आंदोलन के बावजूद इस सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है। 

अल्पेश कथेरिया (आप)- पाटीदार आंदोलन से जुड़े रहे नेता अल्पेश हार्दिक पटेल के काफी करीबी माने जाते रहे। पार्टी ने इन्हें पाटीदार बहुल वारछा रोड सीट से टिकट दिया है। इस समय यहां पूर्व मंत्री और भाजपा नेता किशोर कनानी विधायक हैं। कथेरिया पर पाटीदार आंदोलन के दौरन कथित तौर पर लोगों को उकसाने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है। 

एक दिसंबर को होगी पहले चरण की वोटिंग 
इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर (Gujrat Vidhansabha Chunav kitni tarikih ko hai) को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी होगा। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय है। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर निर्धारित की गई है।  

यह भी पढ़ें- 

काम नहीं आई जादूगरी! गहलोत के बाद कांग्रेस ने पायलट को दी गुजरात में बड़ी जिम्मेदारी, जानिए 4 दिन क्या करेंगे

पंजाब की तर्ज पर गुजरात में भी प्रयोग! जनता बताएगी कौन हो 'आप' का मुख्यमंत्री पद का चेहरा

बहुत हुआ.. इस बार चुनाव आयोग Corona पर भी पड़ेगा भारी, जानिए क्या लिया गजब फैसला

Share this article
click me!