Himachal Pradesh Assembly Election 2022: इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीट पर 'अपनों' से चुनौती मिल रही, जबकि कांग्रेस को 10 सीट पर। भाजपा ने जेपी नड्डा, जयराम ठाकुर, अनुराग ठाकुर, अविनाश राय खन्ना और संजय टंडन को फ्रंट पर रखा। वहीं, कांग्रेस ने राजीव शुक्ला, संजय दत्त, प्रतिभा सिंह और अनीस अहमद को बागियों से बात करने को कहा है।
शिमला। Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में वैसे तो कुल 68 सीट हैं, मगर भाजपा और कांग्रेस को जो असली डर सता रहा है वो 'अपनों' से है। दरअसल, 18 सीट पर भाजपा के उसके पुराने नेता ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए चुनौती बने हुए हैं, जबकि कांग्रेस को 10 सीट पर अपनों से चुनौती मिल रही है। भाजपा सत्ता पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है, जबकि कांग्रेस पुराने ट्रेंड को कायम रखते हुए वापसी करना चाहती है।
हालांकि, भाजपा की तैयारी इस मामले में मजबूत दिख रही है और इसी लिए हर छोटे से बड़ा नेता भी इस चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हों या केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर। इसके अलावा, पार्टी ने प्रभारी नेता अविनाश राय खन्ना और सहायक प्रभारी संजय टंडन को भी फ्रंट पर रहने को कहा है। ये सभी नेता बागियों से मिल रहे हैं, उन्हें अपने-अपने अंदाज और तरीके से मना रहे हैं।
समय रहते सबको साध लिया जाएगा
नड्डा ने खुद कुल्लू से बागी बने महेश्वर सिंह को मनाने का जिम्मा संभाला। उन्हें शिमला लाने के लिए हेलिकॉप्टर भेजा और सबसे बड़ी बात इसका असर भी हुआ। महेश्वर मान गए। इसके अलावा, दूसरे नेता बागियों को उनके घर जाकर मना रहे हैं। पुराने संबंधों की याद दिला रहे है। इनमें कुछ बागी तो वापस आने को तैयार हैं, मगर कई अभी भी 'आंख' दिखा रहे हैं। हालांकि, पार्टी का दावा है कि समय रहते सबको साध लिया जाएगा।
मैदान से नदारद है कांग्रेस की टीम!
वहीं, कांग्रेस में केंद्रीय नेता अभी भी नदारद हैं। राजीव सिंह को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है, मगर पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे अब तक दिखाई नहीं पड़े हैं। इसके अलावा, पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के नेता अनीस अहमद को इस काम में लगाया गया है, मगर वे कांग्रेस वॉर रूम के को-ऑर्डिनेटर का जिम्मा संभाल रहे हैं। इसके बाद प्रतिभा सिंह का नाम लिया जा रहा और वो इस मामले में सक्रिय दिख रही हैं। मगर बाकी नाम जैसे, संजय दत्त या गुरकीरत सिंह जैसे नेताओं को बस औपचारिकता पूरी करने के लिए रखने का दावा किया जा रहा है। यही नहीं, इनमें कुछ नेता जो बागियों से बात भी कर रहे, वो सिर्फ टेलिफोनिक है। आमने-सामने की मुलाकात कोई नहीं कर रहा और शायद यही वजह है कि कांग्रेस के बागी अभी मान नहीं रहे।
अब तक चार ने नाम वापस लिया
बता दें कि नामांकन का दौर पूरा हो चुका है और नाम वापसी की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर है। यहां 68 विधानसभा सीटों के लिए कुल 786 उम्मीदवार ने पर्चा भरा था। मगर 690 का ही पर्चा स्वीकृत हुआ, जबकि 80 के पर्चे रिजेक्ट हो गए। वहीं, अब तक चार ने नाम वापस ले लिया है। इस बार एक चरण में वोटिंग होगी। मतदान 10 नवंबर को है, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी। इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
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