Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश चुनाव का जानें जातीय समीकरण, सत्ता पर राजपूतों की पकड़

Published : Jun 24, 2022, 10:50 AM ISTUpdated : Oct 19, 2022, 03:19 PM IST
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश चुनाव का जानें जातीय समीकरण,  सत्ता पर राजपूतों की पकड़

सार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) के संभावित उम्मीदवार टिकट के लिए प्रयासरत हो गए हैं। राज्य में चुनाव के लिए दलों ने भी उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है।   

शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) की तैयारियां जोरों पर है। सभी पार्टियां संभावित उम्मीदवारों की तलाश कर रही हैं। टिकट बंटवारे में जातीय समीकरण हमेशा से रणनीति का हिस्सा रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी कास्ट फैक्टर के आधार पर भी टिकटों का वितरण किया जाता है। राजनैतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो हिमाचल की राजनीति में बहुत ज्यादा जातीय समीकरण फिट करने की गुंजाइश नहीं है। क्योंकि सवर्ण मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से अधिक है। राज्य की कुल 20 सीटें ओबीसी व दलित वर्ग के लिए आरक्षित है। 

क्या है हिमाचल प्रदेश का जातीय गणित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की जनसंख्या में सबसे ज्यादा 32 प्रतिशत राजपूत हैं। 18 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं। दोनों को मिला दिया जाए तो सवर्ण मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत हो जाती है। राज्य में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या 14 प्रतिशत हैं, अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 25 प्रतिशत है। सभी वर्गों को बराबर प्रतिनिधित्व मिले, इसके लिए चुनाव आयोग ने राज्य में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की हैं। 

हिमाचल प्रदेश में कौन सी जाति किसके साथ
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में 56 प्रतिशत ब्राह्मणों ने बीजेपी को वोट दिया, जबकि 35 प्रतिशत ब्राह्मण कांग्रेस के साथ रहे। राजपूतों में भी 49 फीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट किया जबकि 36 प्रतिशत कांग्रेस के साथ रहे। दोनों पार्टियों के बीच सवर्ण मतदाताओं के लिए राजनैतिक दांव पेच चलते रहते हैं। हिमाचल विधानसभा 2017 में ओबीसी वर्ग ने बीजेपी को वोट किया। आंकड़े बताते हैं कि 48 प्रतिशत ओबीसी वोट बीजेपी को मिले। कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिले। दलित वोट भी दोनों पार्टियों में लगभग बराबर-बराबर बंटे। 48 फीसदी दलित कांग्रेस के साथ गए जबकि 47 फीसदी ने बीजेपी का साथ चुना। राज्य में 67 फीसदी मुस्लिम वोट कांग्रेस को मिले जबकि बीजेपी के खाते में 21 फीसदी मुस्लिम वोट गए। 

हिमाचल का हर दूसरा विधायक राजपूत
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे एक रोचक पहलू भी बताते हैं। चुनाव परिणाम के अनुसार 48 सामान्य सीटों पर 33 राजपूत बिरादरी के विधायक चुने गए। इससे राज्य में राजपूतों की संख्या 50 फीसदी हो गई। जबकि राजपूत मतदाताओं की संख्या 36 प्रतिशत के आसपास है। भाजपा से 18 राजपूत जीते, कांग्रेस से 12 ने जीत हासिल की, 2 निर्दलीय राजपूत भी विधायक बने। वहीं सीपीआईएम से भी 1 राजपूत विधायक बने। इससे माना जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में राजपूतों का दबदबा कायम रहेगा। 

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