पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, Ex कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने पार्टी छोड़ी, सोनिया के भरोसेमंद थे

अश्वनी कुमार ने सोनिया गांधी का उस समय बचाव किया था, जब G-23 के नेताओं ने अगस्त 2020 में पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी। अश्विनी कुमार ने तब खुलकर सोनिया गांधी का साथ दिया था और अब उन्होंने अपना इस्तीफा भी सोनिया गांधी को ही भेजा है।

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मची भगदड़ अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, चुनाव से पहले पार्टी को सबसे बड़ा झटका लगा है। पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपना रिजाइन पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। उन्होंने 46 साल तक साथ कांग्रेस का साथ दिया। अश्वनी शर्मा कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी के वफादार माने जाते थे। 

उन्होंने सोनिया गांधी का उस समय बचाव किया था, जब G-23 के नेताओं ने अगस्त 2020 में पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी। अश्विनी कुमार ने तब खुलकर सोनिया गांधी का साथ दिया था और अब उन्होंने अपना इस्तीफा भी सोनिया गांधी को ही भेजा है। यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने 1976 कांग्रेस जॉइन किया था। वह गुरदासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव थे। एक दशक बाद उन्हें राज्य कांग्रेस में एक पदाधिकारी नियुक्त किया गया। वह पहली बार 1990 में सुर्खियों में आए जब उन्हें चंद्रशेखर सरकार द्वारा भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। 

Latest Videos

यह भी पढ़ें- लुधियाना में केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- देश की सुरक्षा पर हम केंद्र सरकार के साथ, पंजाब में मिलकर काम करेंगे

चुनाव से पहले झटकों से हो रहा नुकसान
अश्विनी कुमार एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके दिवंगत पिता प्रबोध चंद्र एक स्वतंत्रता सेनानी और गुरदासपुर के कांग्रेस नेता थे, जो पंजाब विधानसभा में विधायक, मंत्री और स्पीकर बने। अश्विनी कुमार साल 2002 से 2016 तक राज्यसभा सांसद रहे। चुनाव से पहले जिस तरह से नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं, इससे पंजाब में पार्टी की मजबूती पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मतदाताओं पर भी पार्टी की पकड़ कमजोर होती जा रही है।

तवज्जो नहीं मिलने से साथ छोड़ रहे नेता
जानकारों का कहना है कि इस वक्त कांग्रेस में पुराने नेताओं को तवज्जो नहीं मिल रही है। इसलिए वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यह भी एक कारण है कि पूराने नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। चुनाव में इस तरह से किसी भी नेता का पार्टी छोड़ना दिक्कत पैदा कर सकता है। इसके बाद भी नेतृत्व इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पंजाब कांग्रेस में आपस में इतना विवाद है कि किसी दूसरे के बारे में सोचने की बजाय पार्टी के ज्यादातर नेता अपने बारे में ही सोच रहे हैं । 

यह भी पढ़ें- पंजाब चुनाव : कांग्रेस-आप से कितना अलग होगा अकाली दल का मैनिफेस्टो, सस्ती बिजली का दांव या फिर कोई और प्लान?

कैप्टन के बाद कमजोर हो रही कांग्रेस
खासतौर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद से पार्टी की स्थिति खासी कमजोर हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सीट अमृतसर ईस्ट पर फंसे हुए हैं। इस स्थिति में ऐसा कोई चेहरा फिलहाल कांग्रेस के पास नहीं है, जो सभी नेताओं को साध सके।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!