सुरक्षा वापस करने की जानकारी हरमिलप सिंह ग्रेवाल ने जिला प्रशासन को भी दे दी है। हालांकि उन्होंने बताया कि यह उनका निजी फैसला है। मोर्चे के अन्य उम्मीदवार यह बात माने यह जरूरी नहीं है। क्योंकि यह उनकी अपनी मर्जी है लेकिन उन्हें लगता है कि किसी तरह की सुरक्षा नेता को रखनी ही नहीं चाहिए।
बठिंडा : पंजाब के चुनावी मैदान (Punjab Chunav 2022) में उतरे संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) के बठिंडा उम्मीदवार ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। मोर्चा ने बठिंडा शहरी विधानसभा सीट से हरमिलप सिंह ग्रेवाल (Harmilap Singh Grewal) को अपना उम्मीदवार बनाया है। ग्रेवाल BSNL के पूर्व अधिकारी हैं। काफी समय से वह समाज सेवा में सक्रिय है। किसानों के मुद्दों को वह जोरदार तरीके से उठाते हैं। इस वजह से उन्हें संयुक्त समाज मोर्चा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
क्यों नहीं लेंगे सरकारी सुरक्षा
ग्रेवाल ने बताया कि नामांकन के बाद उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे वापस भेज दिया है। उनका कहना है कि हम यदि जनता के बीच में काम करते हैं तो फिर सुरक्षा की जरूरत ही क्या है? हमें अपने लोगों से खतरा क्या? यदि खतरा है तो फिर राजनीति में क्यों है? इसलिए उनका मानना है कि नेताओं को सुरक्षा लेनी ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी यदि बीच में रहते हैं तो फिर नेता और जनता का सीधा संवाद भी नहीं हो पाता है। संयुक्त समाज मोर्चा न केवल किसानों बल्कि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त समाज मोर्चा ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के साथ-साथ मजदूरों, दुकानदारों और व्यापारियों की लड़ाई लड़कर महत्वपूर्ण जीत हासिल की है।
प्रशासन को दी जानकारी
सुरक्षा वापस करने की जानकारी हरमिलप सिंह ग्रेवाल ने जिला प्रशासन को भी दे दी है। हालांकि उन्होंने बताया कि यह उनका निजी फैसला है। मोर्चे के अन्य उम्मीदवार यह बात माने यह जरूरी नहीं है। क्योंकि यह उनकी अपनी मर्जी है लेकिन उन्हें लगता है कि किसी तरह की सुरक्षा नेता को रखनी ही नहीं चाहिए। नेता की सुरक्षा की तो उनके समर्थक और लोग है। यदि कोई नेता अपने लोगों के बीच में जाने से डर रहा है, उसे खतरा लग रहा है तो निश्चित ही उसकी राजनीति पर सवाल उठता है।
राजनीतिक दलों पर निशाना
ग्रेवाल ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य पारंपरिक पार्टियां पंजाब में अपना आधार खो चुकी है। पंजाब के मतदाता ने संयुक्त समाज मोर्चे को अपना समर्थन देने का मन बना लिया है। आजादी के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने पंजाब की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें घर-घर जाकर मुहैया कराने की ओर ध्यान ही नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि संयुक्त समाज मोर्चा पंजाबियों का संरक्षक होगा। पंजाब को प्रगति के पथ पर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। हरमिलप सिंह ग्रेवाल ने पंजाब के लोगों से इस बार संयुक्त सामाजिक मोर्चा को समृद्ध बनाने के लिए समर्थन करने की भी अपील की।
इसे भी पढ़ें-Punjab Election 2022: चुनाव आयोग ने संयुक्त समाज मोर्चे को दी मान्यता, उम्मीदवारों को मिलेगा एक सिंबल
इसे भी पढ़ें-पंजाब चुनाव : सिद्धू के करीबी मोहम्मद मुस्तफा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को बताया 'किताब', मुश्किल में कांग्रेस