Punjab Chunav 2022: हॉट सीट अमृतसर ईस्ट से रिपोर्ट, सिद्धू-मजीठिया को AAP के अंडर करंट से खतरा

अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव लड़ रहे नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रमजीत सिंह मजीठिया कभी चुनाव नहीं हारे। इस बार दोनों में से एक की हार पक्की है। आप के अंडर करंट से दोनों को खतरा है। पढ़ें हॉट सीट अमृतसर ईस्ट से खास रिपोर्ट...

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2022 10:53 PM IST / Updated: Feb 10 2022, 04:28 AM IST

अमृतसर (मनोज ठाकुर)। जगह अमृतसर की होली सिटी। यहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और अमृतसर ईस्ट सीट से प्रत्याशी नवजोत सिंह सिद्धू की आलिशान कोठी है। कोठी में चार दरवाजे, चारो बंद हैं। सुरक्षाकर्मी से पूछा कि अंदर कैसे जाएं? वह साइड की गली में भेज देता है। बड़ा सा दरवाजा जोर लगा कर धकेलना पड़ता है। अंदर सिद्धू की कोठी की भव्यता नजर आती है। लॉन में स्वीमिंग पुल। पेड़ और पौधों के साथ-साथ पत्थरों की तराशी मूर्तियां रखी है। सामने बड़ा गेट। समर्थकों से ज्यादा सुरक्षाकर्मी। जो कैमरा बाहर निकालने की इजाजत नहीं देते। 

बड़े से दरवाजे से होकर सिद्धू की कोठी के अंदर जाते ही सामने डाइनिंग टेबल। साइड में ड्राइंग रूम। यहां 14 समर्थक बैठे हुए हैं। दोपहर 12 बजे का वक्त है, लेकिन सिद्धू अभी नहां रहे हैं। हम काफी देर इंतजार करते रहे। सिद्धू नीचे नहीं आए। आम तौर पर चुनाव प्रचार में जहां नेता सुबह ही अपने विधानसभा क्षेत्र में निकल जाते हैं। इसके विपरीत सिद्धू आधा दिन बीत जाने के बाद भी प्रचार के लिए तैयार नहीं हुए। समर्थक भी फिल्ड में जाने के बजाय चैन से बैठे हैं। जब नेता को जल्दी नहीं तो फिर समर्थक क्यों उतावला हो।

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अब यदि समर्थक किसी नेता की लोकप्रियता का पैमाना है तो कम से कम इस पैमाने पर सिद्धू खरे नहीं उतरते। फिर भी सिद्धू निश्चित हैं। हो भी क्यों न...। आखिर अमृतसर ईस्ट पर उनका एक छत्र राज है। 18 साल से कभी वह तो कभी उनकी पत्नी यहां से विधायक बनते रहे हैं। वह भी इसी तरह के लाइफ स्टाइल और पॉलिटिकल से।

सिद्धू कभी हारे नहीं,... लेकिन हारे तो कभी बिक्रमजीत सिंह मजीठिया भी नहीं
तो यह मान लीजिए, इस बार इन दो राजनीतिक दिग्गजों में कोई एक तो हर हालत मे हार का स्वाद चखने वाला है। वैसे अगर दोनों भी मतदाता से मात खा जाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि जिस तरह से दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है, ऐसे में तीसरे की किस्मत खुल भी सकती है। यूं भी अमृतसर ईस्ट में इस बार आप के प्रति भी मतदाता का अच्छा खासा रुझान देखने को मिल रहा है। 

दरअसल 18 साल से सियासत कर रहे सिद्धू को कभी कड़ी टक्कर मिली ही नहीं, मगर इस बार वोटिंग से 10 दिन पहले तक सिद्धू बुरी तरह फंसे नजर आ रहे हैं। रही-सही कसर आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी कर रही है। AAP कैंडिडेट जीवनजोत कौर बेशक बहुत बड़ा नाम नहीं हों, मगर लोग झाड़ू को पसंद कर रहे हैं। इनके बीच BJP ने अकाली दल से अलग होने के बाद अमृतसर ईस्ट सीट पर उपस्थिति दर्ज कराने के मकसद से रिटायर्ड IAS अफसर जगमोहन राजू पर दांव खेला है। यह सभी मिलकर सिद्धू के वोट काट रहे हैं, जिससे उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं।

विकल्प बढ़ने से वोटर भी कंफ्यूज
कांग्रेस की परंपरागत सीट समझी जाने वाली अमृतसर ईस्ट का वोटर इस बार यूं तो AAP के गुण गाता है, लेकिन कुछ देर साथ बैठकर चर्चा करने पर वह कभी मजीठिया तो कभी BJP की ओर झुकने लगता है। यानी वोटर भी अभी कंफ्यूज है और काफी हद तक यह स्वाभाविक भी है। दरअसल आज से पहले उसके पास इतने विकल्प कभी रहे ही नहीं। इस बार वह दुविधा में हैं, किसे छोड़े और किसे पसंद करें?

सिद्धू से लोग नाराज इसलिए

ये बातें जा रहीं सिद्धू के पक्ष में

मजीठिया के सामने सबसे बड़ा चैलेंज

मजीठिया इन वजहों के चलते रेस में

AAP के लिए बड़ा चैलेंज

झाड़ू को लेकर अंडर करंट

भाजपा: खुद को स्थापित करने की चुनौती

BJP की नजर हिंदू वोट बैंक पर

क्या कहते हैं वोटर
गुरप्रीत क्लॉथ हाउस के मालिक हरप्रीत सिंह ने कहा कि हर दूसरा ग्राहक AAP का नाम ले रहा है। मेरी दुकान पर रोज कई ग्राहक आते हैं। इनमें से अधिकतर की जुबान पर इस बार आम आदमी पार्टी का नाम हैं। मेरे बच्चे भी ऑस्ट्रेलिया में सैटल हैं। वह भी AAP को सपोर्ट करते हैं और कर रहे हैं कि इस बार वोट उसे ही देना चाहिए। हर कोई इस बार रिवायती पार्टियों से उठकर वोट देना चाहता है।

युवाओं का समय पढ़ाई की जगह नशे में जा रहा
वोट डालने से पहले हर कोई सोचता है। AAP ने स्ट्रॉन्ग उम्मीदवार नहीं उतारा। अगर उतारते तो उसके बारे में सोचते। फिलहाल सिद्धू और मजीठिया के बारे में ही सोच रहे हैं। अमृतसर ईस्ट में नशा बड़ी समस्या है। 60% यूथ बाहर जा चुका है। जो 40% यहां है वो नशे में फंस रहा है। यूथ का समय पढ़ाई की जगह नशा करने में जा रहा है।- रोहित शर्मा

लोग चुप, सच कोई नहीं बताता
चुनाव की बातें होती रहती हैं, लेकिन कोई भी सच नहीं बता रहा। इस इलाके के लोग अभी चुप हैं। सिद्धू अधिक बोलते हैं, लेकिन बोलते सच ही हैं। बिक्रम मजीठिया कहेंगे कुछ और करेंगे कुछ। इसलिए असली सीन तो मतदान से दो-चार दिन पहले ही साफ होगा।- लखबीर सिंह

हलके में विकास नहीं हुआ
सिद्धू के पंजाब मॉडल का क्या कहें, अमृतसर ईस्ट में तो काम ही नहीं हुए। पहले सिद्धू की पत्नी MLA थी और 5 साल से वह विधायक हैं। लोग इस बार बदलाव चाहते हैं। AAP ने कोई स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट नहीं उतारा। इसलिए इस बार मजीठिया को चुनना चाहेंगे।- कुलजीत सिंह

अमृतसर ईस्ट सीट का इतिहास

2017 में यह रहा अमृतसर ईस्ट का रिजल्ट

2022 में बढ़ गए 14725 वोट

 

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