पंजाब चुनाव: सिद्धू के सीएम फेस की रेस से बाहर होने के ये 7 बड़े कारण, चन्नी की इन 7 अच्छाइयों ने किस्मत चमकाई

राहुल गांधी ने कहा कि चन्नीजी मुख्यमंत्री बने, अहंकार नहीं है। जनता के बीच जाते हैं। क्या आपने कभी नरेंद्र मोदी को जनता के बीच जाते हुए देखा। सड़क पर किसी की मदद करते हुए देखा है? नहीं करेंगे, क्योंकि वे प्रधानमंत्री नहीं, राजा हैं। पंजाब सीएम एक गरीब परिवार से आएंगे।

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 1:00 PM IST

मनोज ठाकुर, लुधियाना। पंजाब में कांग्रेस ने सीएम फेस की घोषणा कर दी है। पार्टी ने एक बार फिर दलित चेहरे और सिटिंग सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर भरोसा जताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लुधियाना के दाखा में चन्नी को सीएम फेस उम्मीदवार घोषित किया। इस दौरान चन्नी ने कहा कि ये बहुत बड़ी लड़ाई है, जो मैं अकेला नहीं लड़ सकता। ना मेरे पास पैसा है। ना इतनी हिम्मत है। हिम्मत भी पंजाब के लोग देंगे, सब कुछ पंजाब के लोग करेंगे।

इन वजहों से सीएम फेस की लड़ाई में मात खा गए सिद्धू
1. सिद्धू का ओवरस्पीड होना भी उनकी सबसे बड़ी कमजोरी रहा। वह तेजी से चीजें बदलना चाह रहे थे। अकाली दल को लेकर वह जिस तरह से आक्रमक हुए, इससे पंजाब के मतदाता और पार्टी के भीतर भी यह संदेश गया कि वह व्यक्तिगत रंजिश के तहत मजीठिया को फंसा रहे हैं। सिद्धू ने मजीठिया के खिलाफ दर्ज केस को लेकर इतना बड़ा मामला बना दिया था कि वह खुद इसके नीचे दबते से नजर आ रहे थे। 
2. सीएम चन्नी पर भी लगातार हमलावर होते रहे। यहां तक कि उन्हें खुल कर काम करने नहीं दिया गया। इस वजह से यह माना जाने लगा कि वह खुद को प्रमोट करने में लगे रहते हैं। अपनी बात को मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। 
3. सिद्धू की जमीन पर पकड़ कमजोर है। नेता के तौर पर कम उन्हें अभिनेता के तौर पर ज्यादा जाना जाता है। इस वजह से लोग उन्हें सुनते तो जरूरी है, लेकिन उनके साथ कनेक्ट नहीं हो पाते। 
4. कैप्टन अमरिंदर सिंह जब कांग्रेस में थे तो उनके बारे में कहा जाता था कि उनसे मिलना बहुत मुश्किल काम है। इसी तरह की समस्या सिद्धू के साथ भी थी। पार्टी की कोशिश थी कि ऐसा सीएम होना चाहिए जो पार्टी वर्कर्स और विधायकों को लिए आसानी से उपलब्ध हो सके। 
5. सिद्धू को अच्छा प्रशासक नहीं माना जा रहा है। उनके बात करने के तरीके पर भी काफी ऑब्जेक्शन उठते रहते हैं। जबकि सीएम से यह उम्मीद की जाती है कि वह अच्छा प्रशासक हो, जो सभी का साथ लेकर चल सके। 
6. सिद्धू पार्टी के भीतर नेताओं को भी अपने साथ नहीं जोड़ पाए। इसलिए भी उनके साथ ज्यादा नेता नहीं हैं, जो उन्हें सीएम चेहरा बनते हुए देखना चाहते हो। पार्टी के भीतर उनके नाम की वकालत करने वाले ज्यादा नहीं थे। 
7. पूरे पंजाब में सिद्धू का प्रभाव नहीं है। यह भी एक वजह है कि उन्हें पार्टी सीएम फेस बनाने से बची। क्योंकि सीएम के तौर पार्टी ऐसा व्यक्ति चाह रही है, जो राज्य में पार्टी को लीड कर सके। इसमें भी सिद्धू पिछड़ते नजर आए।

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इसलिए सीएम पद का चेहरा बने चन्नी 
1. मिलनसार व्यक्तित्व और सभी को साथ लेकर चलने की उनकी क्षमता ने चन्नी को पार्टी में एक अलग जगह दी।
2. 111 दिन के कार्यकाल में चन्नी ने खुद को सीएम के तौर पर स्थापित किया। अपनी छवि बनाई और पार्टी को भी एक दिशा दी। वह लगातार पार्टी को मजबूत करने की कोशिश करते रहे।
3. पार्टी के सामने चुनौती थी कि सीएम एक ऐसा नेता हो, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह ले सके और उनकी कमी को दूर कर सके। चन्नी ने ये काम बखूबी निभाया। छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई। 
4. चन्नी ने किसी पर भी कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया। यहां तक कि जब सिद्धू ने उन्हें काम नहीं करने दिया, तब भी वह चुप रहे। इससे पार्टी के भीतर यह संदेश गया कि चन्नी मौके की नजाकत को भांपते हुए आसानी से सीएम के तौर पर काम कर सकते हैं। 
5. पार्टी का दलित चेहरा हैं जो पंजाब के दलितों को पार्टी के साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
6. कांग्रेस की यह भी कोशिश है कि चन्नी को आधार बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर भी यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि हम शेड्यूल कास्ट को भी पूरी तवज्जो देते हैं। 
7. चन्नी ने सीएम पद को लेकर ज्यादा हाय तौबा नहीं मचाई। वह चुपचाप अपना काम करते रहे, इसके भी उनकी छवि पार्टी के भीतर अच्छे नेता के तौर पर बनी। 

राहुल गांधी ने कहा- मैं 40 साल पहले सिद्धू से मिला था
राहुल गांधी ने कहा कि चन्नीजी मुख्यमंत्री बने, अहंकार नहीं है। जनता के बीच जाते हैं। क्या आपने कभी नरेंद्र मोदी को जनता के बीच जाते हुए देखा। सड़क पर किसी की मदद करते हुए देखा है? नहीं करेंगे, क्योंकि वे प्रधानमंत्री नहीं, राजा हैं। पंजाब सीएम एक गरीब परिवार से आएंगे। राहुल ने कहा कि मैं 40 साल पहले नवजोत सिंह सिद्धू से मिला था, लेकिन उन्हें नहीं पता कि वह राहुल गांधी से मिले थे। मैं दून स्कूल में था, जहां वह क्रिकेट मैच खेलने आए थे।

मुझे पावर मिला तो माफिया को खत्म कर दूंगा
कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मैंने राहुल गांधी के फैसले को स्वीकार कर लिया है। अगर मुझे निर्णय लेने की शक्ति दी गई तो मैं माफिया को खत्म कर दूंगा। लोगों के जीवन में सुधार करूंगा। सत्ता नहीं मिली तो आप जिसे भी सीएम बनाएं, उसके साथ मुस्कुराकर चलूंगा।

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