बता दें कि पंजाब में माइनिंग बड़ा मामला है। चुनाव में भी माइनिंग को लेकर राजनेता एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी माइनिंग माफिया पर रोक लगाने की दिशा में ज्यादा प्रयास नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की गई, इसमें बताया गया कि जहां माइनिंग हो रही है।
चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले हाईकोर्ट ने चन्नी सरकार को फटकार लगाई है। क्योंकि रोपड़ में अवैध खनन को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में पंजाब सरकार ने एक बार फिर कोर्ट के नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगा है। जिसको लेकर अदालत ने यह फटकार लगाई है।
पर्यावरण मंजूरी की अवधि खत्म के बाद भी हो रही माइनिंग
दरअसल. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति हरमिंदर सिंह मदान की पीठ ने पंजाब सरकार को 22 फरवरी तक मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। एक स्थानीय स्टोन क्रेशर संचालक ने कोर्ट में याचिका लगा रखी है। इसमें आरोप लगाया गया कि पर्यावरण मंजूरी की अवधि निकलने के बाद भी माइनिंग हो रही है।
राजनेता एक दूसरे पर लगा रहे गंभीर आरोप
बता दें कि पंजाब में माइनिंग बड़ा मामला है। चुनाव में भी माइनिंग को लेकर राजनेता एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी माइनिंग माफिया पर रोक लगाने की दिशा में ज्यादा प्रयास नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की गई, इसमें बताया गया कि जहां माइनिंग हो रही है, उस जगह की पर्यावरण मंजूरी 2018 को समाप्त हो गई। इसके बाद भी यहां अभी तक माइनिंग चल रही है।
माइनिंग को लेकर पंजाब में स्थिति क्या है?
पर्यावरणविद भीम सिंह रावत ने बताया कि पंजाब में माइनिंग का लेकर सारे कायदे सिर्फ कागजों में हैं। होना तो यह चाहिए था कि जिस साइट की पर्यावरण मंजूरी खत्म हो गई, वहां माइनिंग तुरंत बंद कर देनी चाहिए। हो यह रहा है कि वहां माइनिंग चल रही है। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके बाद कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ रही है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि माइनिंग को लेकर पंजाब में स्थिति क्या है?
पंजाब सरकार माइनिंग को लेकर विवादों
इससे पहले रोपड़ में ही माइनिंग माफिया के गुंडों ने क्षेत्र की नाकाबंदी कर खनन सामग्री से लदे ट्रकों को कब्जे में ले लिया था। तब भी एक याचिका कोर्ट में डाल कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। लेकिन बाद में सरकार ने आश्वासन दिया था कि मामले में कड़ी कार्यवाही की जाएगी। तब कोर्ट ने यह आदेश वापस लिया था। अब फिर से सरकार माइनिंग को लेकर विवादों में हैं। जिस पर कोर्ट सख्त होता दिखाई दे रहा है।