यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट की दास्तां: 2 दिन से सिर्फ मैसेज से बात हो रही, किसी के घरवालों को एक कॉल का इंतजार

संगरूर जिले के लहरागागा इलाके में मूनक गांव की मनप्रीत कौर यूक्रेन में हैं, जिससे उनका पूरा परिवार परेशान है। भाई सुखप्रीत सिंह ने बताया कि उसकी छोटी बहन मनप्रीत कौर यूक्रेन में पढ़ती है। यूक्रेन की राजधानी कीव में भाषा सीख रही थी।

Udit Tiwari | Published : Feb 26, 2022 1:14 PM IST / Updated: Feb 26 2022, 06:52 PM IST

चंडीगढ़। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है। ऐसे में यूक्रेन में पढ़ने वाले पंजाब-हरियाणा के बच्चे वहां फंस गए हैं। हालात तेजी से बिगड़ते देख परिजनों की भी टेंशन बढ़ गई है। कई बच्चे बंकरों में छिपे हैं तो कई घर पहुंचने की आस में भटक रहे हैं। इधर, घरवाले भी अपने बच्चों के लिए परेशान हैं। कई बच्चे घर पर सिर्फ मैसेज करके ही हाल बता पा रहे हैं तो किसी को फोन ही नहीं लग रहा है। घरवाले कुशलता सुनने के लिए सिर्फ एक कॉल का इंतजार कर रहे हैं।

पंजाब के संगरूर जिले के लहरागागा इलाके में मूनक गांव की मनप्रीत कौर यूक्रेन में हैं, जिससे उनका पूरा परिवार परेशान है। भाई सुखप्रीत सिंह ने बताया कि उसकी छोटी बहन मनप्रीत कौर यूक्रेन में पढ़ती है। यूक्रेन की राजधानी कीव में भाषा सीख रही थी। मनप्रीत 7 महीने पहले 9 जुलाई 2021 को यूक्रेन गई। वहां के अंतर्राष्ट्रीय यूरोपीय विश्वविद्यालय में भाषा का अध्ययन किया, लेकिन अब यूक्रेन और रूस के बीच एक भयानक युद्ध चल रहा है। इससे उनका पूरा परिवार परेशान है।

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यूक्रेन में भाषा पढ़ने गई थी, अब वहां से निकलने की कोशिश
उन्होंने बताया कि उनकी बहन मनप्रीत कौर ने नेशनल इंस्टीट्यूट जीएनएम कॉलेज संगरूर से जीएनएम किया था, उसके बाद वह आधार अस्पताल हिसार में कार्यरत थीं। उसके बाद वह यूक्रेन में भाषा पढ़ने चली गई, लेकिन अब उन्हें चिंता है। रूस के साथ यूक्रेन के युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द होने से क्षेत्र से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही दूरसंचार सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। उसके बाद मनप्रीत ने एक टेक्स्ट मैसेज में कहा था कि उन्होंने भारतीय दूतावास से बात की है जो उन्हें दूसरे देश की सीमा पर ले जाएगा। 

बेटी दो दिन से टेक्स्ट मैसेज के जरिए बात कर रही
परिजन कहते हैं कि भारत सरकार को प्रत्यावर्तन की व्यवस्था करनी चाहिए और भारत सरकार से भी अनुरोध किया गया है कि वह पोलैंड में रहने वाले भारतीयों से भारतीय छात्रों का समर्थन करने की अपील करें और यूक्रेन से आने वाले भारतीय लोगों के भारत आने की व्यवस्था की जाए। पिछले दो दिनों से लड़की सिर्फ टेक्स्ट मैसेज के जरिए बात कर रही है। परिवार ने देश के प्रधानमंत्री से भी बच्चों को जल्द भारत लाने की अपील की है।

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यमुनानगर की लड़की भी यूक्रेन में फंसी, नहीं हो पा रही घरवालों से बात
इधर, हरियाणा के यमुनानगर निवासी विशाल शर्मा ने बताया कि उनकी भतीजी भी यूक्रेन में फंस गई है। पहले तो उससे बात हो रही थी, लेकिन अब बात भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि वहां पर बिजली की दिक्कत है। इस वजह से ऐसा हो सकता है कि उसका मोबाइल चार्ज ही ना हुआ हो। विशाल ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि कंट्रोल सेंटर खोला गया है। लेकिन इस कंट्रोल सेंटर का फायदा क्या? जब उनके बच्चे वापस लाने की दिशा में कुछ हो ही नहीं रहा है। उनकी मांग है कि सरकार भले ही उनसे किराया और अन्य खर्च वसूल ले, लेकिन उनके बच्चों को वापस लाया जाए। क्योंकि अब यूक्रेन के हालात तेजी से बिगड़ने शुरू हो रहे हैं।

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