बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संतों का अपमान करने वाले अखिलेश यादव हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं। हिन्दू मान्यता, हिन्दू संस्कृति के प्रतीकों और पूज्य संतों का अपमान करने वाले सपा मुखिया को संतो और सनातन मतावलंबियों से माफी मांगनी चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) जैसे जैसे करीब आते जा रहे हैं वैसे वैसे नेताओं की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में भी इन बयानों का बड़ा असर पड़ सकता है। गुरुवार को बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra dev singh) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर बड़ा आरोप लगाते हुए हमला बोला। उन्होंने अखिलेश यादव को हिन्दू (Hindu) और सनातन संस्कृति (Sanatan Culture) के विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि एक ओर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) हैं जो अपनी संस्कृति और भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर ले जा रहे हैं।
हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं अखिलेश- स्वतंत्रदेव सिंह
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संतों का अपमान करने वाले अखिलेश यादव हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं। हिन्दू मान्यता, हिन्दू संस्कृति के प्रतीकों और पूज्य संतों का अपमान करने वाले सपा मुखिया को संतों और सनातन मतावलंबियों से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथी ही उन्होंने कहा कि लगातार पराजय से वे हताशा और निराशा में हैं। उन्हें फिर एक बार अपनी हार का अंदेशा हो गया है, जिस कारण उनके बोल बिगड़े हुए हैं।
'हिन्दू धार्मिक प्रतीकों को घृणा भाव से देखते हैं अखिलेश'
स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि सपा मुखिया की हिन्दू संस्कृति, संत परंपरा और जीवनचर्या से घृणा जगजाहिर है। एक ओर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जो अपनी संस्कृति और भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर ले जा रहे हैं। श्रीलंका से राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार शिला भेजती है, राम मंदिर निर्माण के लिए दुनिया भर से लोग मिट्टी और सभी पवित्र नदियों का जल भेज रहे हैं। विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और राजनयिक भारत आकर मां गंगा की आरती करते हैं। वे अयोध्या, काशी और मथुरा में जाकर अपनी श्रद्धा का अर्पण करते हैं और संतोष प्राप्त करते हैं। वहीं दूसरी तरफ सपा मुखिया भारत की पहचान से जुड़े प्रतीकों, भारत माता, पूज्य संतगणों और हिन्दू धार्मिक प्रतीकों के प्रति अपना घृणाभाव दिखाते हैं। ऐसा करके वे भारत और भारतीयता दोनों के विरोधी बनते जा रहे हैं।
टोपी लगाकर घूमना फिरना जनता ने देखा है- प्रदेश अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया केवल चुनाव के वक्त ही वे धार्मिक प्रयोजनों का स्वांग रचते हैं। अन्य दिनों में उनका टोपी लगाकर घूमना फिरना उत्तर प्रदेश की जनता ने देखा है। वे अपने अनर्गल प्रलाप से एक पंथ और समुदाय के लोगों को तो खुश कर सकते हैं लेकिन उन्हें संत परंपरा और सनातन संस्कृति को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को वे चोटिल करते हैं। उनका यह खिलवाड़ उनकी वोट बैंक वाली राजनीति को भारी पड़ेगा।