क्या थी जवाहर बाग की वो खौफनाक घटना, जिसका CM योगी ने मथुरा में किया जिक्र

Published : Dec 08, 2021, 05:26 PM IST
क्या थी जवाहर बाग की वो खौफनाक घटना, जिसका CM योगी ने मथुरा में किया जिक्र

सार

यूपी के मथुरा में विकास परियोजना का शिलान्यास करने पहुंचे सीएम योगी ने साल 2016 के जून में हुए जवाहर बाग कांड को याद किया। उन्होंने कहा कि जवाहर बाग की घटना कौन भूल सकता है, यहीं पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता था कि कोई कंस ही उस समय सत्ता में बैठा था। 

मथुरा: बुधवार को यूपी (Uttar pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) की ओर से मथुरा में 201.16 करोड़ रुपए की 196 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास (Development projects launched) किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी (CM yogi) ने मथुरा में हुए जवाहरबाग (Jawaharbagh) की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जवाहर बाग की घटना कौन भूल सकता है, यहीं पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता था कि कोई कंस ही उस समय सत्ता में बैठा था। 

जानिए, क्या था जवाहरबाग से जुड़ा मामला
2 जून 2016 की उस काली तारीख को सुनकर आज भी मथुरा के लोग सिहर उठते हैं। 2 जून 2016 को चर्चित जवाहरबाग कांड हुआ था। जवाहर बाग पर अवैध कब्जा धारियों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला किया और पूरे जवाहर बाग को अग्निकांड में बदल दिया था। खाली कराने गई पुलिस टीम पर हथियारों से हमला किया गया था। इस हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसआई संतोष यादव शहीद हुए थे और कई पुलिसकर्मी हमले में घायल हो गए थे। जवाहर बाग में आगजनी और हिंसक घटना ने तत्कालीन सपा सरकार को हिला कर रख दिया था। मामले में कई राजनेताओं पर रामबृक्ष यादव को संरक्षण देने के आरोप लगे थे।

29 लोगों की गई थी जान
2 जून 2016 की उस घटना में दो जाबांज अफसरों समेत 29 लोगों की मौत हुई थी। उस घटना की गवाही आज भी जवाहर बाग में खड़े जले हुए और अधजले पेड़ करते हैं। जवाहर बाग कांड की घटना के बाद सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। रामवृक्ष के सहयोगी चंदनबोस, वीरेश यादव, राकेश गुप्ता के विरूद्ध एनएसए के तहत कानूनी कार्रवाई की गई थी।

कोसीकला के दंगे का किया जिक्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा 'प्रदेश में सबसे पहले दंगा कोसीकला में हुआ था। दंगा किस बात को लेकर हुआ था, नौजवान मस्जिद के बाहर पानी पीता है तो भी उसकी पिटाई शुरू हो जाती है। उसके बाद व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जलाए जाने के बाद जो तांडव हुआ, वह नहीं बुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि पहले कब्रिस्तानों के निर्माण होते थे, आज मंदिरों का निर्माण हो रहा है, कुंभ की भव्यता दिखाई देती है।

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