हरिद्वार सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी को हराया

कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार बदलकर बड़ा दांव खेला है। हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके सामने कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतारा है। इस सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जा सकता है।
 

Haridwar Election Results 2022: हरिद्वार विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के मदन कौशिक (Madan Kaushik) ने सतपाल ब्रह्मचारी (Satpal Brahamchari) को 15,237 वोटों से हराकर एक अच्छी जीत दर्ज की है। कौशिक को जहां 53,147 वोट मिले, तो वहीं सतपाल को 37,910 वोट मिले। बहुजन समाज पार्टी के चरण सिंह को केवल 1,248 वोटों ही मिल सके। बीजेपी अध्यक्ष ने कुल वोटों के 55.45 प्रतिशत वोट अपनी झोली में डाले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के पास 39.56 प्रतिशत वोट ही आए। 

हरिद्वार सीट से जुड़ी खास बात

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उत्तराखंड (Uttarakhand) की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है हरिद्वार विधानसभा सीट  (Haridwar Assembly constituency) इस सीट पर सभी की नजरें जमी हुई हैं। साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग राज्य उत्तराखंड बनने के बाद भाजपा (BJP) को यहां से कभी हार नहीं मिली। लेकिन इस बार स्थिति थोड़ा उलट है। कांग्रेस (Congress) ने यहां से अपना उम्मीदवार बदलकर बड़ा दांव खेला है। हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके सामने कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी (Satpal Brahmchari) को मैदान में उतारा है। इस सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जा सकता है। खास बात यहां से मदन कौशिक लगातार चार बार जीते हैं।

अब तक के चुनावी परिणाम पर नजर

इस सीट के चुनावी परिणामों पर नजर डालें तो साल 1957 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शांति प्रपन्न शर्मा ने यहां से जीत दर्ज की और 1962 के चुनाव में भी वहीं विजेता रहे। 1967 में निर्दलीय घनश्याम गिरी यहां से जीते। 1969 में प्रपन्न शर्मा ने एक बार फिर वापसी की। 1974 में CPI तो 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के हाथ बाजी लगी। 1980 और 1985 में दो बार हरिद्वार निर्वाचन क्षेत्र में फिर कांग्रेस का दबदबा रहा। 1989 में जनता दल तो 1991 और 1993 में भाजपा के हाथ जीत लगी। साल 1996 में समाजवादी पार्टी के अंबरीश कुमार भी यहां से चुनाव जीते। उसके बाद से लगातार यहां से बीजेपी को जीत मिलती रही। 2002, 2007, 2012 और 2017 में भाजपा के मदन कौशिक (Madan Kaushik) को जनता का आशीर्वाद मिला। पिछले चुनाव में कौशिक ने कांग्रेस उम्मीदवार ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी (Brahmswroop Brahmchari) को रिकॉर्ड 35,927 वोटों से हराया था।

अबकी बार स्थिती थोड़ी अलग

हरिद्वार उन सीटों में शामिल है जहां दिग्गजों की किस्मत दांव पर है। पिछले बीस सालों से यहां से जीत रहे मदन कौशिक के लिए स्थिति इस बार थोड़ी अलग है। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी से चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि हरिद्वार नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में ब्रह्मचारी का कामकाज, उनकी साफ छवि और बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चुनाव में दोनों के बीच मुकाबले को कड़ा बना सकती है।

किस जाति का वर्चस्व

हरिद्वार में धार्मिक माहौल होने के चलते यहां ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है और उन्हीं का वर्चस्व भी है। आंकड़ों की बात करें तो यहां 35 हजार के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं जबकि 31 हजार वैश्य और 28 हजार पंजाबी मतदाता। पिछले कई चुनावों में ब्राह्मण चेहरों पर राजनीतिक दलों ने दांव लगाया है। वैसे यह भी फैक्ट है कि ब्राह्मण बहुल सीट पर वैश्य और पंजाबी वोटर हमेशा से प्रत्याशियों के हार-जीत का फैसला करते आए हैं।

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