वैसे तो भोजपुरी फ़िल्में बेहद कम बजट में बन जाती हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो इन फिल्मों का एवरेज बजट 80 लाख रुपए से 2.50 करोड़ रुपए तक होता है। लेकिन कई फ़िल्में ऐसी हैं, जिनकी लागत काफी ज्यादा रही हैं। नज़र डालें 8 सबसे महंगी भोजपुरी फिल्मों पर.…
स्टार कास्ट : दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, सुनील थापा और संतोष मिश्रा
चन्द्र पंत ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया था और भारत से बाहर शूट होने वाली पहली भोजपुरी फिल्म थी। इसकी शूटिंग भारत के साथ-साथ नेपाल और इंग्लैंड में भी हुई थी।
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6. सत्या (2017)
बजट : 4.5 करोड़ रुपए
स्टार कास्ट : पवन सिंह, अक्षरा सिंह और दयाशंकर पांडे।
सुजीत कुमार सिंह ने इस रोमांस एक्शन ड्रामा का डायरेक्शन किया था। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। इसके गानों को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया था।
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5.संघर्ष 2 (2023)
बजट : लगभग 6 करोड़ रुपए
स्टार कास्ट : खेसारी लाल यादव, कृति यादव, मेघाश्री और संजय पांडे
इस एक्शन फिल्म को पराग पाटिल ने डायरेक्ट किया था। फिल्म की शूटिंग भारत के साथ थाईलैंड और यूएई की लोकेशंस पर हुई थी।
स्टार कास्ट : पवन सिंह, संचिता बनर्जी, निधि झा और प्रदीप रावत
यह एक्शन रोमांटिक फिल्म है, जिसमें पवन सिंह और संचिता बनर्जी की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। पवन सिंह ने एक इंटरव्यू में इसे भोजपुरी सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म बताया था।
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3.निरहुआ हिंदुस्तानी (2014)
बजट : 6-9 करोड़ रुपए
स्टार कास्ट : दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, संजय पांडे और एजाज खान।
इस एक्शन रोमांटिक कॉमेडी फिल्म का निर्देशन सतीश जैन ने किया था। निरहुआ म्यूजिक वर्ल्ड के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से रिलीज हुई इस फिल्म को 100 मिलियन से ज्यादा व्यू मिले थे।
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2. रंग दे बसंती (2024)
बजट : 7-10 करोड़ रुपए
स्टार कास्ट : खेसारी लाल यादव, रति पांडे, देना खान और राज प्रेमी।
प्रेमांशु सिंह के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2024 में रिलीज हुई थी और इसे भोजपुरी सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म के तौर पर प्रचारित किया गया था।
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1.वीर योद्धा महाबली (2020)
बजट : लगभग 10-20 करोड़ रुपए
स्टार कास्ट : दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, साहिल अख्तर और अमजद कुरैशी
इकबाल बख्श के निर्देशन में वाली इस फिल्म को भोजपुरी की सबसे महंगी फिल्म माना जाता है। हालांकि, यह कभी रिलीज नहीं हो पाई। साल 2020 में इसे थिएटर्स में लाया जाना था। लेकिन दर्शकों का इंतज़ार इंतज़ार बनकर ही रह गया।