ऐश्वर्या-अभिषेक के रिश्ते में दरार? आखि क्या है 'ग्रे डिवोर्स' का रहस्य?

बढ़ती उम्र में रिश्तों में दरार और तलाक आम होते जा रहे हैं. 'ग्रे डिवोर्स' क्या है और इसके पीछे क्या कारण हैं, जानिए इस लेख में.

ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन के रिश्ते में आई खटास और संभावित तलाक की अफवाहें पिछले कुछ समय से फैल रही हैं. हाल ही में, अभिनेत्री निम्रत कौर का नाम भी इस मामले में सामने आया है. इसने ऐश्वर्या और अभिषेक के बीच दरार की ऑनलाइन अटकलों को और हवा दी है. सोशल मीडिया पर चर्चा अब इस जोड़ी के "ग्रे डिवोर्स" की संभावना पर केंद्रित है. आखिर ये क्या है? 

दुनिया के मशहूर बिजनेस कपल बिल गेट्स और मेलिंडा गेट्स ने एक-दो साल पहले तलाक ले लिया था. उन्होंने इसका कारण बताया था- 'वी कांट ग्रो एनीमोर' यानी अब हम साथ नहीं बढ़ सकते. वैवाहिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से यह जोड़ी पहले ही काफी आगे बढ़ चुकी थी. तो फिर तलाक का कारण क्या था? गेट्स के विवाहेतर संबंध. गेट्स के समलैंगिक और बाह्य संबंध उनके वैवाहिक जीवन में दरार का कारण बने.

Latest Videos

ऐसा मामला सिर्फ इन्हीं का नहीं है. अमेरिका और यूरोप में भी, लंबे समय तक शादीशुदा रहने के बाद, बढ़ती उम्र में, यानी लगभग 60-70 साल की उम्र में तलाक लेने वालों की संख्या बढ़ रही है. बिल गेट्स की उम्र अब 65 साल है, मेलिंडा की 56 साल, और उनकी शादी को 27 साल हो चुके थे. ग्रे डिवोर्स का मतलब है 60 साल के बाद तलाक लेना. यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि तब तक कपल के बाल अक्सर सफेद (ग्रे) हो जाते हैं. इन्हें सिल्वर स्प्लिटर्स या डायमंड स्प्लिटर्स भी कहा जाता है.

बीस, तीस या चालीस साल साथ रहने के बाद लोग अलग क्यों होते हैं? इसके क्या कारण हैं? युवा तलाकशुदा जोड़ों के कारणों की तरह ही, प्रौढ़ तलाकशुदा जोड़ों के भी अपने कारण होते हैं. आजकल तलाक भारत जैसे पारंपरिक समाजों में भी कोई अनोखी बात नहीं है. अगर कोई कहता है कि मैं तलाकशुदा हूँ, तो कोई भी आश्चर्यचकित नहीं होता.

आमतौर पर आर्थिक कारण होते हैं; अगर कपल में से कोई एक आर्थिक रूप से असफल हो जाता है, तो समस्याएँ पैदा होती हैं. बहुत अधिक कर्ज लेना, उसे चुकाने में असमर्थ होना, और इसके कारण घर में बार-बार झगड़ा होना - ये सब तलाक का कारण बन सकते हैं. कभी-कभी परिवार में केवल एक ही कमाता है, और दूसरा बिना काम किए जीवनसाथी की कमाई खत्म कर देता है, यह भी एक कारण हो सकता है. कभी-कभी खर्च करने की आदत अस्वस्थ हो सकती है. जीवनसाथी की कमाई को खुद पर खर्च करना, या खुद की कमाई को परिवार को न देकर बुरे शौक पर फिजूलखर्ची करना. बहुत ज्यादा खरीदारी, जुआ, और उधार देना भी कारण हो सकते हैं.

आमतौर पर ऐसे परिवारों में, बच्चों के बड़े होने, पढ़ाई पूरी करने और नौकरी के लिए दूर जाने के बाद तलाक की प्रक्रिया शुरू होती है. ऐसे में कपल को एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम या खाली घोंसला सिंड्रोम होने लगता है. अब तक बच्चे को साथ पालने के उद्देश्य से किसी तरह साथ थे. आगे क्या? यह सवाल परेशान करता है. इतने सालों तक साथ रहने वाला जीवनसाथी अब पहले जैसा नहीं रहा, यह दुख होता है.

इन तलाकों का एक और प्रमुख कारण है विवाहेतर संबंध. जब वैवाहिक जीवन में नीरसता आती है, तो पुरुष या महिला यौन सुख या साथ के लिए शादी के बाहर हाथ बढ़ा सकते हैं. पुरुष अपने से छोटी महिला की ओर और महिला अपने से युवा पुरुष की ओर आकर्षित हो सकती है. अब विवाहेतर संबंध भी आधुनिक समाजों में कोई अनोखी बात नहीं है. पारंपरिक सोच ऐसे मामलों में झगड़ा करती है; लेकिन आधुनिक सोच, कच्चे धागे की तरह, ऐसे साथी से रिश्ता ही तोड़ देती है. यहाँ माफ़ी का कोई सवाल ही नहीं है.

ऐसे समाजों में लोग सोचते हैं कि ज़िंदगी अभी बाकी है. साठ साल की उम्र होने का मतलब यह नहीं कि ज़िंदगी खत्म हो गई. वे समाज में सक्रिय रहते हैं. साथ ही, आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं ने लोगों के स्वास्थ्य और औसत आयु को बढ़ाया है. बुरी आदतें भी तलाक का एक प्रमुख कारण हैं. पत्नी को लग सकता है कि शराब और यौन व्यसनों के आदी पति से दूर रहना ही बेहतर है. जुआ खेलकर सारा पैसा गँवा देने वाले पति को कौन सी पत्नी बर्दाश्त करेगी?

इस उम्र में होने वाले तलाक का बुरा असर बच्चों पर भी पड़ता है. भले ही अब वे छोटे बच्चे न हों, लेकिन माता-पिता के तलाक से होने वाले भावनात्मक दुःख को उन्हें सहना ही पड़ेगा. ऐसे में बच्चों को किसी एक के साथ रहना होगा; माता या पिता की नई डेटिंग आदतों के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष करना होगा. ऐसे मामलों में तलाकशुदा जोड़ों और बच्चों के लिए काउंसलिंग जरूरी हो सकती है. भारत में भी ऐसे तलाकों की संख्या बहुत ज्यादा तो नहीं है, लेकिन अन्य जगहों की तरह बढ़ रही है.

Share this article
click me!

Latest Videos

कुवैत के लिए रवाना हुए मोदी, 43 साल के बाद पहली बार यहां जा रहे भारतीय PM
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना
तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts