
शाज़िया इक़बाल द्वारा निर्देशित हिंदी रोमांटिक ड्रामा धड़क 2 का दमदार ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। ये साल 2028 में रिलीज धड़क का सीक्वल और तमिल फ़िल्म परियेरुम पेरुमल (2018) का रीमेक है। करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस, ज़ी स्टूडियोज़ और क्लाउड 9 पिक्चर्स ने इस मूवी को प्रोड्यूस किया है।
इस फ़िल्म में तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी लीड भूमिकाओं में हैं। इसकी स्टोरी सोशल और कास्ट समस्याओं पर बेस्ड है। इसमें ऊंची जाती और लोअर कास्ट के युवक की प्रेम कहानी है। इसका ट्रेलर लॉन्च 11 जुलाई को रिलीज किया गया है। ये फ़िल्म 1 अगस्त, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। फिल्म में बेहद इफेक्टिव डायलॉग है। यहां ट्रेलर में दिखाए गए संवाद आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
ट्रेलर की शुरुआत-
टीचर नीलेश से क्लास में- एंड यू- -तुम्हारा पूरा नाम
नीलेश - नीलेश बीए एलएलबी
शिक्षक- डिग्री घर से लेकर आए हो क्या बेटा...( क्लास में हंसने का स्वर )
Triptii Dimri - क्या हिंदी मीडियम से हो
Siddhant Chaturvedi- हां, लेकिन थोड़ी बहुत इंग्लिश आती है मुझे..
Siddhant Chaturved - एबीसीडी के पहले भी तो जमाना होता होगा ना...जहां लोग अपनी भाषा में अपनी बातें कर पाते होंगे।
Triptii Dimri - टेलीपैथी...टेलीपैथी
विधि ( Triptii Dimri ) और नीलेश ( Siddhant Chaturvedi ) की दोस्ती के बाद के डायलॉग
Siddhant Chaturvedi as Neelesh - मुझसे प्यार करती हो...
Triptii Dimri - यस...
Siddhant Chaturvedi - तुम मुझसे दूर रहो..
Triptii Dimri - लेकिन मुझे तुमसे दूर क्यों रहना चाहिए...
Siddhant Chaturvedi - मेरे साथ रहना इतना आसान नहीं जितना तुम्हें लगता है…यदि तुम्हें लगता है तो इतना मुश्किल भी नहीं हैं...
Siddhant Chaturved- तुम्हारी फेवरेट जगह कौन सी है..
Triptii Dimri - गहरा काला आसमान और उसमें लाखों टिमटिमाते तारे...
Siddhant Chaturved- शहर से तो तारे भी डरते हैं।
Triptii Dimri - वाह क्या शेर है..
Siddhant Chaturved- वैसे आज तुम लपक लग रही हो..
Triptii Dimri - ओफ्फो..तारीफ.. ( जानबूझकर गिरना)
Siddhant Chaturved- अरे क्या हुआ..
Triptii Dimri - पकड़ना था ना..
ऊंची जाति की विधि की लोअर कास्ट वाले नीलेश से दोस्ती के बाद के डायलॉग
कॉलेज फ्रेंड ( स्टूडेंट लीडर टाइप ) - वहां लड़ाई भूख की है, लेकिन यहां हक की
Siddhant Chaturved- शेखर भाई मैं यहां पढ़ने आया हूं लड़ने नहीं ...
गुंडे- कॉलेज क्या पहुंच गया हमारी घर की लड़कियों से आशिकी करेगा....
गुंडे सिद्धांत को पीटते हुए - अन्य सीन में मारपीट- देख तुझे गटर में ही डालते हैं।
Siddhant Chaturved- इस पहचान के साथ रहना बहुत मुश्किल है.…रोज कोई ना कोई याद दिलाता है कि हम इंसान नहीं हैं।
Triptii Dimri - मुझे ये सब से कोई फर्क नहीं पड़ता..
Siddhant Chaturved- जो सपना तुम देख रही हो ना...उसमें मेरे लिए कोई जगह नहीं है..
Siddhant Chaturved की मां- हम गिरते-गिरते इतना गिर गए कि उठना ही भूल गए।
ज़ाकिर हुसैन - दरअसल तुम्हें अपनी पहचान से शर्म आती है।
ज़ाकिर हुसैन -लड़ने और मरने में से कोई चुनना हो तो हमेशा लड़ने को ही चुनना
देखें धड़क 2 का ट्रेलर -