
Dharmendra Untold Stories: बॉलीवुड के 'ही-मैन' धर्मेंद्र से जुड़े मज़ेदार किस्से उनके फैंस और करीबी लोग एक-एक करके याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक खास किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे उनकी बेटी ईशा देओल ने शेयर किया था। वो ये है कि धर्मेंद्र ने एक बार अपनी पत्नी हेमा मालिनी के लिए 100 कमरों वाला पूरा का पूरा अस्पताल ही बुक कर लिया था! कहानी कुछ यूं है। यह तब की बात है जब ईशा देओल का जन्म होने वाला था। उस वक्त हेमा मालिनी प्रेग्नेंट थीं और उनकी डिलीवरी होनी थी। तब धर्मेंद्र ने पत्नी हेमा मालिनी के लिए 100 कमरों का पूरा अस्पताल बुक कर लिया। इससे पता चलता है कि वो प्राइवेसी को कितना महत्व देते थे। तब ईशा का जन्म हुआ और ये बात खुद उन्होंने ही बताई थी।
एक और किस्सा है। बॉलीवुड के सबसे चहेते स्टार बनने से पहले, धर्मेंद्र बड़े सपने देखने वाले एक आम जाट लड़के थे। 1960 में 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' फिल्म से धर्मेंद्र ने अपना डेब्यू किया। इस फिल्म के लिए उन्हें सिर्फ 51 रुपये मिले थे! उस फिल्म ने उन्हें स्टार तो नहीं बनाया, लेकिन यह उनके आगे के करियर के लिए एक सीढ़ी बन गई। अगले चार साल तक वो काम करते रहे। 1964 में फिल्म 'आई मिलन की बेला' में उनकी मेहनत रंग लाई।
एक इंटरव्यू के दौरान, धर्मेंद्र ने अपने शुरुआती दिनों की कहानी और अपनी पहली सैलरी मिलने का अनुभव शेयर किया था। उन्होंने 'बंदिनी' (1963) के लिए नूतन के साथ काम किया, जिसके लिए उन्हें लगभग 5,000 रुपये मिले थे। साथ ही, उन्होंने बिमल रॉय और गुरु दत्त जैसे महान निर्देशकों के साथ भी काम किया।
जब धर्मेंद्र को पहली सैलरी के 51 रुपये मिले, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने उन पैसों का क्या किया? खुशी में दोस्तों के साथ वो सारे पैसे शराब पीने और नाचने-गाने में उड़ा दिए। धर्मेंद्र ने याद करते हुए कहा, "हम बीच पर गए और जश्न मनाया। हंसी-मजाक, शराब और खूब मस्ती थी। हमें पैसों की परवाह नहीं थी। बस खुशी थी। मैं अपनी खुशी को एंजॉय करना और बांटना चाहता था, बस।" 51 रुपये की कमाई से शुरू हुआ सफर उन्हें आज 450 करोड़ रुपये की नेट वर्थ तक ले आया।
एक और मज़ेदार घटना है, जब वो उस समय के सुपरस्टार दिलीप कुमार के घर में घुस गए थे। इसका ज़िक्र दिलीप कुमार की आत्मकथा 'द सबस्टेंस एंड द शैडो' में है। यह 1952 की बात है। धर्मेंद्र तब लुधियाना में एक स्टूडेंट थे। वो पहली बार मुंबई आए थे। वो दिलीप कुमार को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा मानते थे और उनसे मिलने की ख्वाहिश रखते थे। धर्मेंद्र ने याद करते हुए बताया कि वो काफी देर तक दिलीप कुमार के घर के बाहर खड़े रहे।
आखिरकार, उन्होंने हिम्मत जुटाई और घर के अंदर चले गए। गेट पर उन्हें किसी ने नहीं रोका। वो सीढ़ियां चढ़कर ऊपर गए और सीधे दिलीप साहब के कमरे में घुस गए। वहां उन्होंने अपने पसंदीदा स्टार को देखा। धर्मेंद्र ने उस पल को कुछ यूं बयां किया: "मैंने सोफे पर लेटे हुए एक खूबसूरत इंसान को देखा। जब उन्होंने मुझे देखा, तो वो चौंक गए और सिक्योरिटी को आवाज़ लगाई। मैं बहुत डर गया और वहां से भाग गया।"
कई साल बाद, 1958 में, किस्मत उन्हें फिर से एक साथ ले आई। धर्मेंद्र एक फिल्म कॉम्पिटिशन में थे। वहां दिलीप कुमार की बहन भी मौजूद थीं। जब धर्मेंद्र को विजेता घोषित किया गया, तो उन्होंने विनम्रता से दिलीप साहब से मिलने की गुज़ारिश की। इस तरह उस दिन उन दोनों की मुलाकात हुई।