
भारतीय सिनेमा में नभो न भविष्यति जैसी चमक बिखेरने वाली अभिनेत्री श्रीदेवी का नाम आज भी बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। महज 54 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह देने वाली श्रीदेवी (Sridevi) के बारे में बहुत सी बातें अब सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुँच रही हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उस ज़माने में सोशल मीडिया इतना मज़बूत नहीं था और श्रीदेवी भी बाहरी दुनिया के सामने ज़्यादा नहीं खुलती थीं।
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्या था? तो आपको बता दें कि 1985-90 के दशक में दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से बॉलीवुड में कदम रखने वाली श्रीदेवी को उनकी अद्भुत सुंदरता और प्रतिभा के कारण फ़िल्मों में काम करने के ढेरों मौके मिले। लेकिन उन्हें हिंदी बोलनी नहीं आती थी। फिल्मों में तो किसी तरह डबिंग करके काम चला लिया जाता था, लेकिन उत्तर भारत के मीडिया के साथ बातचीत करने और शूटिंग सेट पर उन्हें काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
इसकी मुख्य वजह थी कि श्रीदेवी बहुत कम उम्र में ही फिल्म इंडस्ट्री में आ गई थीं। चूँकि उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में ही बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया था, इसलिए उन्हें स्कूली शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। यही कारण था कि उन्हें अपनी मातृभाषा तमिल, पेशेवर भाषा तेलुगु के अलावा, अंग्रेजी और हिंदी भाषाएं न तो ठीक से बोलनी आती थीं और न ही लिखनी। इसी कमी के कारण वो किसी से ज़्यादा बात नहीं करती थीं।
यही वजह थी कि अभिनेत्री जयाप्रदा समेत कई लोगों ने उन्हें गलत समझ लिया और उनके बारे में अफवाह फैला दी कि श्रीदेवी बहुत घमंडी हैं और उन्हें अहंकार है। लेकिन श्रीदेवी ने इन अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया और एक अभिनेत्री के रूप में अपनी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ती रहीं।
श्रीदेवी को करीब से जानने वालों का कहना है कि 90 के दशक में वो दो फिल्मों में काम कर रही थीं। एक थी 'मेरी बीवी का जवाब नहीं' (Meri Biwi Ka Jawaab Nahin) और दूसरी थी 'हमारे साजन संग का वादा' (Hamre Saajan Sang Ka Waada)। बताया जाता है कि इन दोनों ही फिल्मों की शूटिंग के दौरान श्रीदेवी इतनी शर्मीली रहती थीं कि शूटिंग खत्म होने के बाद वो किसी से आँखें नहीं मिलाती थीं। इतना ही नहीं, शूटिंग के दौरान भी वो निर्देशक, कैमरामैन और दूसरे कलाकारों के अलावा बस ज़मीन पर ही नज़रें टिकाए रहती थीं।
ऐसी श्रीदेवी ने आगे चलकर 'इंग्लिश विंग्लिश' जैसी फ़िल्म में काम किया, जिसमें उनका किरदार हू-ब-हू उनकी असल ज़िन्दगी से मिलता-जुलता था। यह उनकी आखिरी सोलो हीरोइन वाली फ़िल्म थी। इसके बाद उन्होंने तमिल फिल्म 'पुली' में एक रानी का किरदार निभाया था। बताया जाता है कि उनके निधन के वक़्त भी उनके पास कुछ फ़िल्में थीं। कुल मिलाकर, भारत की 'अतिलोका सुंदरी' कही जाने वाली श्रीदेवी का इतनी कम उम्र में दुनिया से चले जाना बेहद दुखद है।