
फिल्ममेकर करन जौहर की मानें तो उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा आया था, जब वे खुद को देखकर शर्मिंदा हो गए थे। उनके मुताबिक़, वे लड़कियों की तरह चलते और दौड़ते थे। उनकी आवाज़ औरतों जैसी थी। यहां तक कि उन्होंने तीन साल तक वॉयस कोचिंग ली, ताकि उनकी औरतों जैसी आवाज़ में सुधार आ सके। खास बात यह है कि जब वे यह कोचिंग ले रहे थे तो उनके पिता यश जौहर इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। क्योंकि करन उनसे तीन साल तक झूठ बोलते रहे थे। दरअसल, करन सानिया मिर्जा के पॉडकास्ट में उनसे बात कर रहे थे।
53 साल के करन ने सानिया को बताया, "मुझे कोर्स का बहुत शौक था। मैं हर वक्त कोई ना कोई कोर्स करता रहता था। मुझे नही चीजें सीखना बेहद पसंद था। उन दिनों मेरी उम्र के लड़के स्पोर्ट्स खेलते थे और मैं खाना बनाना और यहां तक कि फलों और फूलों को अरेंज करना सीख रहा था। मैंने एक इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट क्लास भी की थी। जिन कोर्सेस के लिए मैं पैशनेट था, उनमें से एक था पब्लिक स्पीकिंग। क्योंकि स्कूल में मुझे भाषण और ड्रामा बेहद पसंद थे।"
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करन ने इस बातचीत में स्वीकार किया कि उनकी आवाज़ औरतों जैसी थी और इसके बारे में उन्हें तब पता चला, जब उनके कोच ने उन्हें अपनी आवाज़ को और ज्यादा बैरीटोन बनाने के लिए वॉयस कोचिंग लेने की सलाह दी। वे कहते हैं, "एकेडमी चलाने वाले एक शख्स दो सेशन के बाद मेरे पास आए और बोले कि तुम बहुत होशियार बच्चे हो, लेकिन तुम्हारी आवाज़ लड़की जैसी है। तुम्हारी पर्सनैलिटी बहुत ज्यादा औरतों जैसी है और तुम्हारी आवाज़ लड़की जैसी है। और दुनिया ऐसे बोलने वाले आदमियों के लिए सख्त है। इसलिए मैं तुम्हारी आवाज़ को बैरीटोन करने और ज्यादा मर्दों जैसी बनाने में तुम्हारी मदद कर सकता हूं।"
करन जौहर ने आगे उस दौर को याद किया और कहा, "यह 1989 की बात है। यह किसी भी बच्चे के लिए बहुत ही इम्प्रेसिव वक्त था। हम जागरूक नहीं थे। कोई वोकनेस नहीं थी, कोई सेल्फ अवेयरनेस या आपकी मदद के लिए कोई काउंसलिंग नहीं थी। यह सबको साथ लेकर चलने वाला वक्त नहीं था। आप कमज़ोर, डरे हुए और चिंतित थे। इसलिए मैंने उनकी (कोच) सलाह मानी और उनके साथ तीन साल तक वॉयस कोचिंग की। मैंने इसके लिए पैसा दिया। मैं हफ्ते में तीन दिन 2-2 घंटे के लिए जाता था। लेकिन मैंने पापा को यह नहीं बताया। क्योंकि मुझे यह बताने में शर्म आ रही थी कि मैं असल में क्या कर रहा था। यह भी डर था कि वे पूछेंगे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं।"
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करन जौहर ने इस दौरान बताया कि उनके प्रोग्रेसिव पिता ने कभी उनके तौर-तरीकों पर सवाल नहीं उठाया। वे उनके हर काम कर गर्व करते थे। हालांकि, उन्होंने वॉयस कोचिंग की, क्योंकि उनके कोच ने जोर देकर उन्हें इसकी जरूरत बताया था। बकौल करन, "मैं यह करना चाहता था, क्योंकि कोच ने मुझे कहा था। कोच ने मुझसे कहा था, 'अगर तुम मर्दों की तरह बात नहीं करोगे तो कभी आत्मविश्वास के साथ दुनिया का सामना नहीं कर पाओगे।' इसलिए मैंने अपने पिता से झूठ बोला और कहा कि मैं कंप्यूटर क्लास जा रहा हूं। मैंने उनसे पैसे लिए और कोच को दे दिए। 3 साल मैंने आवाज़ सुधारने और चलने की कोचिंग ली, क्योंकि मैं लड़कियों जैसा चलता और दौड़ता था। मैं उस वक्त 15 साल का था और 18 या 19 साल की उम्र तक मैंने यह ट्रेनिंग ली।"
करन जौहर के मुताबिक़, जब वे 19 साल के थे, तब उनके साथ मजेदार घटनाक्रम हुआ। उनके मुताबिक़, उनके पिता के ऑफिस में कंप्यूटर आया तो उन्होंने उनसे कहा कि तुम तीन साल से यही कर रहे थे तो यह रहा कंप्यूटर। बकौल करन, "मैंने सोचा कि मैंने अपनी जिंदगी में कंप्यूटर नहीं देखा। क्योंकि मैं कंप्यूटर क्लासेस नहीं कर रहा था। जब मैंने पापा से कहा कि मुझे नहीं पता इस पर कैसे क्या करना है? तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं तीन साल से क्या कर रहा था? जवाब में मैंने कोई बहाना बनाया और वहां से निगल भागा।"