Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Review: ओवरएक्टिंग से भरी सलमान खान की फिल्म, फैमिली एंटरटेनर बनाने के चक्कर में चूक गए भाईजान

'किसी का भाई किसी की जान' आज (21 अप्रैल) रिलीज हो गई है। फिल्म में सलमान खान और पूजा हेगड़े लीड रोल में है। फिल्म की रिलीज के साथ ही दर्शकों में इसका जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। यह फिल्म देशभर में तकरीबन 5700 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है।

Gagan Gurjar | Published : Apr 21, 2023 5:09 AM IST / Updated: Apr 21 2023, 01:31 PM IST

 

एशियानेट रेटिंग2/5
स्टार कास्ट सलमान खान, पूजा हेगड़े, विजेंदर सिंह, वेंकटेश, जगपति बाबू, शहनाज गिल, पलक तिवारी, विनाली भटनागर, सिद्धार्थ निगम, राघव जुयाल, जस्सी गिल
डायरेक्टरफरहाद सामजी
प्रोड्यूसरसलमा खान
म्यूजिकरवि बसरूर, हिमेश रेशमिया, साजिद खान, सुखबीर, पायल देव, देवी श्री प्रसाद, अमाल मलिक
जॉनर एक्शन ड्रामा

एंटरटेनमेंट डेस्क. सलमान खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फरहाद सामजी के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2014 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'वीरम' की आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जिसमें अजीत मुख्य भूमिका में थे। सलमान खान ने एक बार फिर फैमिली एंटरटेनर देने की कोशिश की है, जो कि काफी हद तक नाकामयाब नजर आती है। यह सलमान खान स्टाइल की फिल्म है, जिसमें कॉमेडी, इमोशन के साथ एक्शन का डोज देने की कोशिश की गई है। 

ऐसी है फिल्म की कहानी

कहानी शुरू होती है दिल्ली के एक लोकल एमएलए महावीर (विजेंदर सिंह) की एंट्री के साथ, जो एक बस्ती खाली कराना चाहता है और इसी बस्ती में रहता है भाईजान (सलमान खान), जो महावीर के इरादे को बार-बार नाकामयाब करता है। भाईजान के तीन भाई हैं लव (सिद्धार्थ निगम), इश्क (राघव जुयाल) और मोह (जस्सी गिल)। खास बात यह है कि ना तीनों का आपस में कोई नाता है और ना ही भाईजान का इनसे कोई नाता है। भाईजान ने तीनों को एक अनाथालय से तब बचाया था, जब वे बच्चे थे और अनाथालय में आग लग गई थी। भाईजान ने तीनों भाइयों के चक्कर में शादी नहीं की और भाईजान के चक्कर मे तीनों भाई शादी नहीं करने का फैसला लेते हैं। हालांकि तीनों चोरी छुपे प्यार करते हैं। इसी बीच लव, इश्क और मोह को पता चलता है कि भाईजान को भाग्या (पूजा हेगड़े) नाम की लड़की से प्यार हुआ था, लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। अब तीनों भाइयों का मिशन है भाईजान और भाग्या को मिलाने का और उनकी शादी कराने का, ताकि वो भी अपनी गर्लफ्रेंड्स से शादी कर सकें।

खुशकिस्मती से तीनों को भाग्या मिल जाती है। भाईजान भी भाग्या से प्यार करने लगता है। लेकिन इसी बीच दिल्ली में भाईजान पर हमले होते है और उसे पता चलता है कि ये हमले असल में भाईजान पर नहीं, बल्कि नागेश्वर (जगपति बाबू) नाम का गुंडा और स्मगलर भाग्या पर करा रहा है, क्योंकि भाग्या के भाई अनाया (वेंकटेश) से उसकी पुरानी दुश्मनी है। जबकि भाग्या की मानें तो उसका भाई अहिंसक आदमी है। ऐसे में भाईजान भाग्या के परिवार के लिए लड़ने और उन्हें बचाने का फैसला लेता है। कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं? क्या भाग्या और भाईजान का रिश्ता मुकम्मल हो पाता है? क्या अनाया वाकई अहिंसक आदमी है? महावीर और नागेश्वर में क्या कनेक्शन है? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

कैसा है डायरेक्शन?

फिल्म का निर्देशन फरहाद सामजी ने किया है, जिनकी पिछली फिल्म 'बच्चन पांडे' बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। वे इस बार भी डायरेक्शन में चूक कर रहे हैं। पूरी कहानी कन्फ्यूजन से भरी हुई है। शायद इसलिए, क्योंकि फिल्म में पैरलल रूप से दो कहानियां चल रही हैं। एक भाईजान और महावीर के झगड़े की और दूसरी अनाया और नागेश्वर की दुश्मनी की। कई सीन्स का तो एक-दूसरे से कोई कनेक्शन ही समझ नहीं आता। फर्स्ट हाफ काफी हद तक बोर करता है। सेकंड हाफ में फिल्म कुछ हद तक संभलती है, लेकिन क्लाइमैक्स निराश करता है, जिसमें दोनों कहानियों का अंत एक साथ दिखाने की कोशिश की गई है। कई सीन्स जबरदस्ती ठूंसे हुए से लगते हैं।

स्टारकास्ट की एक्टिंग?

फिल्म की कहानी तो बोरिंग है ही, लेकिन उससे भी ज्यादा निराश इसकी स्टारकास्ट और उनकी एक्टिंग करती है। सलमान खान ने हमेशा की तरह इस फिल्म में भी ओवरएक्टिंग का डोज़ दिया है। वे ना तो इमोशंस सही से दिखा पाए हैं और ना हंसाने में सफल हो पाए हैं। पूजा हेगड़े भी कुछ खास नहीं लगी हैं। जगपति बाबू, विजेंदर सिंह, शहनाज गिल, पलक तिवारी, विनाली भटनागर, सिद्धार्थ निगम, राघव जुयाल, जस्सी गिल समेत सभी स्टार्स अपनी छाप छोड़ने में फेल रहे हैं।वेंकटेश ने अपना किरदार दमदार तरीके से निभाया है। उनकी एक्टिंग की तारीफ़ बनती है। फिल्म में सतीश कौशिक और आसिफ शेख जैसे एक्टर्स के भी छोटे-छोटे रोल हैं और वे अपने चिरपरिचित अंदाज़ में दिखे हैं।

फिल्म का म्यूजिक

फिल्म का म्यूजिक भी कुछ खास नहीं हैं। 'नय्यो लगदा' और बिल्ली बिल्ली' कुछ हद तक ठीक हैं। बाक़ी कोई गाना ऐसा नहीं है, जो दर्शकों की जुबान पर चढ़ सके। बैकग्राउंड म्यूजिक कुछ हद तक ठीक है, लेकिन कहीं-कहीं यह भी ट्रैक से भटकता हुआ लगता है।

देखें या नहीं?

अगर आप सलमान खान डाय हार्ड फैन हैं और उनकी फिल्म हर हाल में देखना चाहते हैं तो आप अपनी रिस्क पर यह फिल्म भी देख सकते हैं। नहीं तो आप इसके OTT प्लेटफॉर्म या फिर टीवी पर आने का इंतज़ार भी कर सकते हैं।

Read more Articles on
Share this article
click me!