
Love In Vietnam New Bollywoood Movie: बॉलीवुड दुनिया की वो फिल्म इंडस्ट्री है, जिसमें हर महीने कोई ना कोई रोमांटिक फिल्म रिलीज होती ही है। सितम्बर के दूसरे हफ्ते में भी एक ऐसी ही फिल्म आई है, जो दर्शको को रोमांस के नए शिखर पर ले जा सकती है। हम बात कर रहे हैं फिल्म 'लव इन वियतनाम' की, जिसे राहत शाह काजमी ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में शांतनु माहेश्वरी और अवनीत कौर ने लीड रोल निभाया है। फिल्म ऐसी है, जो ना सिर्फ एक लव स्टोरी सुनाती है, बल्कि भारत और वियतनाम की संस्कृति को भी खूबसूरती से दिखाती है। तो आइए आपको बताते हैं कैसी है 'लव इन वियतनाम'...
यह कहानी मानव (शांतनु माहेश्वरी) और सिम्मी (अवनीत कौर) की है। दोनों बचपन से ही एक-दूसरे को पसंद करते हैं और एक-दूसरे से प्यार भी करते हैं। दोनों की स्टोरी एक ऐसी मासूम मोहब्बत के बारे में है, जिसे शायद ही किसी ने कभी महसूस किया होगा। कहानी में ट्विस्ट उस वक्त आता है, जब तकदीर मानव को वियतनाम ले जाती है। वहां मानव के सामने लिन (Khả Ngân)की तस्वीर आती है और कहानी दर्शकों को एक अलग ही रहस्यमयी दुनिया में ले जाती है। लिन और मानव का क्या कनेक्शन है? लिन की हकीकत क्या है? कई सवाल आपके जेहन में उमड़ रहे होंगे। लेकिन इनका जवाब चाहिए तो आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
शांतनु माहेश्वरी ने जो छाप आलिया भट्ट स्टारर 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में छोड़ी थी, वही छाप वे यहां भी छोड़ते हैं। उनकी एक्टिंग में ना सिर्फ मासूमियत झलकती है, बल्कि वे काफी मैच्योर भी दिखाई दिए है। अवनीत कौर ने जबरदस्त एक्टिंग की है। खासतौर पर सेकंड हाफ में उनका किरदार काफी मजबूत नज़र आया है। Khả Ngân की स्क्रीन पर मौजूदगी दर्शकों को लुभाती है। राज बब्बर, फरीदा जलाल और गुलशन ग्रोवर जैसे दिग्गज कलाकार भी इस फिल्म है और वे दमदार अदाकारी करते दिखे हैं।
राहत काजमी के काम की तारीफ़ बनती है। उन्होंने अपने निर्देशन में इस फिल्म को बेहतरीन रोमांटिक फिल्मों की कतार में खड़ा कर दिया है। किरदारों को गढ़ने से लेकर कहानी के फ्लो को बनाए रखने तक हर चीज़ में वे बेहतर डायरेक्टर साबित हुए हैं। कृतिका रामपाल की लिखी कहानी दर्शकों को प्यार का नया एहसास कराती है। हैं, लेकिन स्क्रिप्ट में कमजोरियां भी हैं, जो कुछ दर्शकों को निराश कर सकती हैं।
'लव इन वियतनाम' का संगीत दिल को छूने वाला है। 'जीना नहीं', 'पहली नज़र', 'आई एम रेडी' और 'बड़े दिन हुए' सभी गाने अपनी-अपनी जगह परफेक्ट हैं। कोई भी फिल्म में जबरदस्ती डाला हुआ नहीं लगता है।
यह फिल्म सिखाती है कि प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं, बल्कि भूलने की जद्दोजहद भी है। गहरी भावनाओं को उजागर करती यह फिल्म बॉलीवुड की मसाला फिल्मों की तरह नहीं है, बल्कि यह प्यार की कहानी को ईमानदारी और सच्चाई से पेश करती है। हमारी ओर से फिल्म को 3.5/5 स्टार।