बॉलीवुड के सुपरस्टार राजकुमार की 99वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान में हुआ था। कई हिट फिल्मों में काम करने वाले राजकुमार के डायलॉग्स आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। इस पैकेज में आपको उनके सबसे फेमस डायलॉग्स बता रहे हैं।
जिसके दालान में चंदन का ताड़ होगा, वहां तो सांपों का आना-जाना लगा ही रहेगा।
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फिल्म सौदागर (1991)
जानी.. हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे.. लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक्त भी हमारा होगा।
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फिल्म पाकीजा (1972)
बेशक मुझसे गलती हुई। मैं भूल ही गया था, इस घर के इंसानों को हर सांस के बाद दूसरी सांस के लिए भी आपसे इजाजत लेनी पड़ती है और आपकी औलाद खुदा की बनाई हुई जमीन पर नहीं चलती आपकी हथेली पर रेंगती है।
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फिल्म सूर्या (1989)
हम वो कलेक्टर नहीं, जिनका फूंक मारकर तबादला किया जा सकता है। कलेक्टरी तो हम शौक से करते हैं, रोजी-रोटी के लिए नहीं। दिल्ली तक बात मशहूर है कि राजपाल चौहान के हाथ में तंबाकू का पाइप और जेब में इस्तीफा रहता है। जिस रोज इस कुर्सी पर बैठकर हम इंसाफ नहीं कर सकेंगे, उस रोज हम इस कुर्सी को छोड़ देंगे..समझ गए चौधरी।
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फिल्म गॉड एंड गन (1995)
घर का पालतू कुत्ता भी जब कुर्सी पर बैठ जाता है तो उसे उठा दिया जाता है। इसलिए क्योंकि कुर्सी उसके बैठने की जगह नहीं। सत्य सिंह की भी यही मिसाल है। आप जरा इंतजार कीजिए।
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फिल्म सौदागर (1991)
जब राजेश्वर दोस्ती निभाता है तो अफसाने लिखे जाते हैं और जब दुश्मनी करता है तो तारीख बन जाती है।
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फिल्म इंसानियत का देवता (1993)
जब खून टपकता है तो जम जाता है, अपना निशान छोड़ जाता है और चीख-चीखकर पुकारता है कि मेरा इंतकाम लो, मेरा इंतकाम लो।