#MeToo से पहले कास्टिंग में S*x कॉमन चीज़ थी', 'स्त्री 2' के एक्टर ने खोला बॉलीवुड का काला चिट्ठा

Published : Sep 13, 2025, 04:01 PM IST
Abhishek Banerjee Interview

सार

Casting Couch Culture बदल रहा है। ‘स्त्री 2’ जैसी फिल्मों के एक्टर अभिषेक बनर्जी का बयान है कि #MeToo के बाद कास्टिंग में #Sex फ़ेवर की मांग घट गई है। अभिषेक की कंपनी में सख्त नियम हैं, और फिल्मों में टैलेंट को प्राथमिकता मिलती है। 

MeToo Impact Bollywood: कास्टिंग डायरेक्टर और एक्टर अभिषेक बनर्जी की मानें तो फिल्म इंडस्ट्री में काम के बदले सेक्स की मांग बेहद आम बात है। 'स्त्री' (फ्रेंचाइजी) और 'ड्रीम गर्ल' जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके अभिषेक बनर्जी एक इंटरव्यू में बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि जब वे किसी प्रोजेक्ट के लिए कास्टिंग करते थे तो लोगों का इस बात पर यकीन करना मुश्किल होता था कि वे यह सब बिना सेक्शुअल फेवर कर रहे हैं। अभिषेक ने इस दौरान सफाई दी कि उनकी कास्टिंग एजेंसी हमेशा टैलेंट को प्राथमिकता देती है और इस बात का ध्यान रखती है कि उनका कोई कर्मचारी कास्टिंग में शामिल ना हो।

#MeToo के बाद आया बॉलीवुड में बदलाव

मिड डे से बातचीत में अभिषेक बनर्जी ने माना कि बॉलीवुड में #MeToo कैम्पेन के बाद बड़ा बदलाव आया है। इससे पहले तक कास्टिंग में सेक्स की डिमांड करना आम बात थी। वे कहते हैं, "मुझे लगता है कि #MeToo कैंपेन के बाद कॉफ़ी शॉप मीटिंग और डिनर मीटिंग कम हुई हैं। मेरा मानना है कि यह एक चीज़ बदली है। जब मैं अपने महिला सहकर्मियों से बात करता हूं तो एहसास होता है कि अब वे समझ गई हैं कि वे उन पुरुषों से ज्यादा समझदार हो गई हैं, जो सीधे तौर पर नहीं कह पाते हैं।"

अभिषेक बनर्जी ने अपनी कंपनी के लिए बनाए थे नियम

अभिषेक बनर्जी ने इसी बातचीत में आगे कहा, "कास्टिंग के लिए कॉफ़ी शॉप मीटिंग और डिनर मीटिंग्स का चलन बहुत ज्यादा था, जिसे मैं कभी समझ नहीं पाया। मेरी कंपनी सख्ती से इस नियम का पालन किया जाता था कि ऑफिस का कोई कर्मचारी बाहर किसी एक्टर से मुलाक़ात नहीं करेगा। यदि आपको बाहर किसी एक्टर से मिलना भी है तो आप यह मुलाक़ात कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर तो बिल्कुल नहीं करेंगे। अगर मुझे पता चला कि आप किसी एक्टर से बाहर कॉफ़ी शॉप में कास्टिंग के सिलसिले में मिले हैं तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा।"

अभिषेक बनर्जी पर यकीन नहीं कर पाते थे लोग

अभिषेक बनर्जी ने अपनी बात रखते हुए दावा किया कि इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच इतनी गहरी जड़ें जमा चुका था कि लोग कंपनी की नो सेक्शुअल फेवर पॉलिसी पर यकीन नहीं कर पाते थे। वे कहते हैं, “मुझे याद है कि जब मैं कास्टिंग करता था तो लोगों को यह बात पचा पाना मुश्किल होता था कि हम सेक्स के बिना कास्टिंग कर रहे हैं। कि हम काम कर रहे हैं, लेकिन हम सिर्फ काम कर रहे हैं।”अभिषेक बनर्जी ने इस बातचीत में अपना एक अनुभव भी शेयर किया और कहा, "मेरा एक अनुभव रहा है, जहां किसी की कास्टिंग के बाद लोग कहते थे, 'ओह! तो अब कब?' और मैं कहता था, 'क्या? आप शानदार एक्टर हैं। आप इसे स्वीकार क्यों नहीं कर सकते।' आपको कास्ट करने के पीछे कोई पूर्व धारणा नहीं होती। ऐसा अक्सर होता था।"

अभिषेक बनर्जी के बारे में

40 साल के अभिषेक बनर्जी ने कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर 'द डर्टी पिक्चर', 'नो वन किल्ड जेसिका' और 'गब्बर इस बैक' जैसी फिल्मों के लिए काम किया है। एक्टर के रूप में उन्हें 'रंग दे बसंती', 'ड्रीम गर्ल', 'ड्रीम गर्ल 2', 'स्त्री', 'स्त्री 2' और 'मुंज्या' जैसी फिल्मों में देखा जा चुका है।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Tere Ishk Mein BO Collection Day 8: फिल्म 100 करोड़ के करीब, जानिए कितनी कर ली कमाई?
Dhurandhar बनी 2025 की तीसरी सबसे बड़ी ओपनर, इन 2 फिल्मों को छोड़ बाकी सबको पछाड़ा