'योद्धा' के जरिए एक बार फिर सिद्धार्थ मल्होत्रा देशभक्ति का जज्बा दिखाने आए हैं। उनके साथ रोनित रॉय, दिशा पाटनी और राशि खन्ना की अदाकारी भी दिल जीत रही है। कुल मिलाकर यह फिल्म दर्शकों की उम्मीद पर खरी उतरती नज़र आती है।
एंटरटेनमेंट डेस्क.Yodha Movie Review. 'शेरशाह' और 'मिशन मजनू' के बाद एक बार फिर सिद्धार्थ मल्होत्रा देशभक्ति से भरपूर फिल्म के साथ सिनेमाघरों में लौटे हैं। हम बात कर रहे हैं फिल्म 'योद्धा' की, जो 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। 130 मिनट यानी 2 घंटे 10 मिनट लंबी इस फिल्म का निर्देशन सागर अम्ब्रे और पुष्कर ओझा ने किया है। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा के अलावा राशि खन्ना और दिशा पाटनी की भी अहम् भूमिका है। रोनित रॉय और तनुज विरवानी भी फिल्म में दिखाई दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर यह एक्शन थ्रिलर फिल्म कैसी है...
कैसी है सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'योद्धा' की कहानी?
यह कहानी स्पेशल टास्क फ़ोर्स 'योद्धा' की है, जिसे सुरेंदर कात्याल (रोनित रॉय) ने शुरू किया है। सुरेंदर का बेटा अरुण कात्याल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) इस टास्क फोर्स का जांबाज़ सिपाही है, जिसके मन में अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की ललक है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब कुछ हाइजेकर उस फ्लाइट को हाईजैक कर लेते हैं, जिसमें देश के सबसे बड़े साइंटिस्ट को योद्धा टास्क फोर्स के सिपाही अरुण कात्याल की सुरक्षा में ले जाया जा रहा है। हाईजेकर साइंटिस्ट की हत्या कर देते हैं और योद्धा टास्क फ़ोर्स को इसका जिम्मेदार बताया जाता है। इसके बाद 'योद्धा' को बंद कर दिया जाता है। अरुण कात्याल अब अपने पिता की इस टास्क फोर्स को फिर से शुरू कराना चाहता है। लेकिन काफी संघर्ष के बाद भी वह ऐसा नहीं कर पाता है। कहानी आगे बढ़ती है और फिर एक अन्य फ्लाइट हाइजैक की घटना में अरुण कात्याल को हाइजेकर समझ लिया जाता है। क्या है यह घटना और कैसे अरुण खुद को बेगुनाह साबित करता है? या वाकई खुद ही हाईजेकर है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
कैसा है 'योद्धा' के डायरेक्टर सागर अम्ब्रे-पुष्कर ओझा का निर्देशन?
योद्धा की कहानी सागर अम्ब्रे ने लिखी है और उन्होंने ही इसे पुष्कर ओझा के साथ मिलकर निर्देशित किया है। दोनों ने फिल्म के डायरेक्शन की कमान कमाल तरीके से संभाली है। सागर-पुष्कर ने फिल्म की कहानी, किरदार, वक्त के हिसाब से ड्रेसिंग सेंस से लेकर हावभाव और हर छोटी-छोटी चीज़ का ध्यान रखा है। फिल्म के डायलॉग्स भी दर्शकों को पसंद आएंगे। इसके अलावा सागर-पुष्कर ने कहानी को कुछ इस तरह अपने हुनर से पेश किया है कि इसमें कहीं बोरियत का अहसास नहीं होता है।
'योद्धा' की स्टारकास्ट और एक्टिंग सबसे दमदार
'योद्धा' की स्टारकास्ट और एक्टिंग सबसे दमदार कही जा सकती है। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने देशभक्त अरुण कात्याल के किरदार को जिम्मेदारी के साथ पर्दे पर जिया है। उन्होंने ना केवल एक्टिंग, बल्कि एक्शन से भी फिल्म में जान फूंकी है। उनकी फिटनेस, बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलीवरी, वेशभूषा सबकुछ बेहतरीन है। दिशा पाटनी ने इस फिल्म में अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। एयरहोस्टेस के किरदार में वे खूब जचीं हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा की पत्नी के रोल में राशि खन्ना ने जबर्दस्त काम किया है। उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से प्रियंवदा कात्याल के किरदार को जीवंत कर दिया है। रोनित रॉय ने मेजर सुरेंदर कात्याल का रोल बखूबी निभाया है। तनुज विरवानी और बाकी एक्टर्स ने भी अपने-अपने हिस्से में आई जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है।
सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'योद्धा' का म्यूजिक बेहतरीन है
फिल्म का संगीत विशाल मिश्रा और तनिष्क वागची ने दिया है और यह बेहद कर्णप्रिय है। विशाल मिश्रा, अरिजीत सिंह, बी.प्राक और नीति मोहन की आवाज़ दिलों को छूती है। बैकग्राउंड म्यूजिक भी कहानी में सिचुएशन के हिसाब से मेल खाता है। 'तिरंगा तेरे संग इश्क हुआ' और 'जिंदगी तेरे नाम' पहले ही लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। मनोज मुंतशिर, कुणाल वर्मा, कौशल किशोर और विशाल मिश्रा की लेखनी ने शब्दों को खूबसूरती से गीतों में पिरोया है।
देखें या ना देखें 'योद्धा'
अगर आप देशभक्ति वाली थ्रिलर फिल्मों के शौक़ीन हैं और भारत-पाक के एंगल से बनी फ़िल्में देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी। सिद्धार्थ मल्होत्रा, दिशा पाटनी और राशि खन्ना के फैन्स भी यह भी देख सकते हैं। हां, अगर आप सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'शेरशाह' को ध्यान में रखकर यह फिल्म देखने जाएंगे तो कहीं ना कहीं आप निराश हो जाएंगे। क्योंकि हर देशभक्ति वाली फिल्म 'शेरशाह' नहीं हो सकती।
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