वो एक्ट्रेस, जिसने मां के सपनों को पूरा करने बदला नाम, इमोशनल कर देगी कहानी

Published : Aug 19, 2025, 10:43 PM IST
ayeesha s aiman

सार

ayeesha s aiman Name Change Story: आयशा एस ऐमन, जिनका पूर्व नाम सुप्रिया था, ने अपनी मां की मौन इच्छा पूरी करने के लिए अपना नाम बदल लिया। मिस इंडिया इंटरनेशनल और एयरोनॉटिकल परीक्षा में टॉपर रहीं आयशा की कहानी उनकी मां के प्यार से प्रेरित है।

Miss India International Journey: भारतीय सिनेमा और मॉडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकीं आयशा एस ऐमन का नाम आज नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मिस इंडिया इंटरनेशनल का ताज जीतने वाली आयशा की यात्रा संघर्ष, आत्मविश्वास और जुनून की मिसाल रही है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान उनके करियर से ज्यादा एक भावनात्मक फैसले से जुड़ी है — अपनी मां की अधूरी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए ‘सुप्रिया’ से ‘आयशा’ बनने का निर्णय।

सुप्रिया नाम से हुआ था आयशा का जन्म

आयशा बताती हैं कि उनका जन्म ‘सुप्रिया’ नाम से हुआ था और इसी नाम के साथ उन्होंने पढ़ाई में ऊंचाइयां हासिल की। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप करना हो या अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिस इंडिया का प्रतिनिधित्व करना — ‘सुप्रिया’ उनके लिए मेहनत और जुनून का प्रतीक रही। लेकिन इन उपलब्धियों के पीछे उनकी मां की एक अधूरी ख्वाहिश थी — बेटी का नाम ‘आयशा’ रखना। कई बार मां ने यह इच्छा जताई, और जब चौथी बार मां ने झुकी निगाहों और हल्की मुस्कान के साथ यह बात दोहराई, तो सुप्रिया ने उसी क्षण ठान लिया कि वह यह सपना जरूर पूरा करेंगी।

करियर रणनीति का हिस्सा नहीं था नाम बदलना

नाम बदलने का यह फैसला किसी करियर रणनीति का हिस्सा नहीं था। आयशा खुद कहती हैं, “यह सिर्फ एक बेटी का अपनी माँ की खामोश ख्वाहिश को पूरा करने का जज़्बा था।" उन्होंने अपना नाम बदलकर आधिकारिक रूप से ‘आयशा एस ऐमन’ रख लिया — जिसमें ‘आयशा’ मां के सपनों का प्रतीक है, ‘S’ सुप्रिया के संघर्ष की निशानी और ‘ऐमन’ पारिवारिक जड़ों का प्रतिनिधित्व करता है।

आयशा के लिए उनका नया नाम मां के प्रेम का प्रतीक

जब यह नाम परिवर्तन हुआ और मां को पता चला, तो उनकी आंखों में नमी और चेहरे पर संतोष की झलक थी। आयशा कहती हैं, “उस पल ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मुकुट नहीं, बल्कि मां का आशीर्वाद पा लिया हो।” उनके लिए यह बदलाव पहचान का नहीं, बल्कि मां के प्रेम और सपने की पूर्णता का प्रतीक था। आज जब कोई उन्हें ‘आयशा’ कहकर पुकारता है, तो यह सिर्फ एक नाम नहीं लगता। आयशा भावुक होकर कहती हैं, “यह नाम मां की पुकार जैसा लगता है — ‘आशा सा’। यह नाम मैंने अपनी मां को समर्पित किया है, जो ता-उम्र मेरे साथ रहेंगी। सुप्रिया से आयशा बनना मेरे लिए शोहरत का नहीं, माँ के सपने को पूरा करने का सफर था।”

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