85 साल पहले इसलिए शुरू हुआ था Cannes Film Festival, बॉलीवुड के इस डायरेक्टर की मूवी हुई थी सबसे पहले स्ट्रीम

Cannes Film Festival 2023:दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल यानी कान्स 2023 की शुरुआत 16 मई से हो रही है। 27 मई तक चलने वाले इस फेस्टिवल के रेड कापरेट पर कई सेलेब्स अपना जलवा दिखाएंगे। इससे पहले जानते है कान्स का इतिहास और इससे जुड़ी कुछ खास बातें..

Rakhee Jhawar | Published : May 16, 2023 4:45 AM IST / Updated: May 16 2023, 11:34 AM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क. सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल यानी कान्स फिल्म फेस्टिवल 2023 (Cannes Film Festival 2023) का आयोजन 16 मई से किया जाएगा। इस साल 76वें कान्स फिल्म फेस्टिवल का आयोजन फ्रांस के फ्रेंच रिवेरा में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान जहां सेलेब्स का रेड कारपेट लुक देखने को मिलेगा वहीं, कई फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी। वैसे, आपको बता दें कि कैन्स की शुरुआत तो वैसे 1938 में की गई थी, लेकिन इसे 1946 में रिलॉन्च किया गया था।

इन्होंने शुरू किया था Cannes Film Festival

Cannes Film Festival की शुरुआत 1938 में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रीय शिक्षा मंत्री जीन जे ने हायर रैंक ऑफिसर और इतिहासकार फिलिप एर्लांगर और फिल्म पत्रकार रॉबर्ट फेवरे ले ब्रेट के प्रपोजल पर एक इंटरनेशनल सिनेमैटोग्राफिक फेस्टिवल सेट करने का फैसला किया था। उस दौरान इन्हें अमेरिकियों और अंग्रेजों का समर्थन मिला। इसके क्रिएशन का श्रेय काफी हद तक वेनिस फिल्म फेस्टिवल के साथ कॉम्पिटिशन करने की फ्रांसीसी इच्छा को दिया जाता है, जो उस समय एकमात्र इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल था। कान्स को शुरू करने का कारण फ्रेंच रिवेरा रिसॉर्ट सिटी के रूप में इसकी पर्यटन अपील को बढ़ाना था। साथ ही सिटी हॉल ने नगर पालिका की वित्तीय भागीदारी बढ़ाने की पेशकश की थी, जिसमें आयोजन के लिए एक खास जगह तैयार की गई।

1946 में री लॉन्च हुआ Cannes Film Festival

Cannes Film Festival को 1946 में री लॉन्च किया गया और 20 सितंबर से 5 अक्टूबर 1946 तक, 21 देशों ने पहले कान फिल्म समारोह में अपनी फिल्में प्रेजेंट कीं थी, जो कान के पूर्व कैसीनो में हुआ था। कान्स का इंडिया से खास रिश्ता है। इसके शुरुआत में यानी 1946 में चेतन आनंद की फिल्म नीचा नगर दिखाई गई थी। नीचा नगर को फेस्ट‍िवल का ग्रांड प्रिक्स अवॉर्ड मिला था। वैसे अब इस अवॉर्ड को अब पाम डी ओर के नाम से जाना जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो राजकपूर की फिल्म अवारा, दो बीघा जमीन, बूट पॉल‍िश, पाथेर पांचाली, गाइड, खार जी, सलाम बॉम्बे, उड़ान, लंच बॉक्स जैसी फिल्मों को भी ये अवॉर्ड मिल चुका है। आपको बता दें कि इस फेस्टिवल में किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग बहुत मायने रखती है।

2 साल इस वजह से नहीं हुआ था Cannes Film Festival

आपको जानकर हैरानी होगी कि री लॉन्च के बाद कान्स फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 2 साल यानी 1948 से 1950 तक नहीं किया गया था। दरअसल, बजट की वजह से ऑर्गेनाइजर्स को ऐसा कदम उठाना पड़ा था। 1951 में वेनिस फेस्टिवल से प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए इसे स्प्रींग सीजन में करने का फैसला लिया गया। तब से यह इवेंट अप्रैल-मई में ही आयोजित किया जाता है।

 

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