डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति के मैनेजर और सेक्रेटरी गणेश ने एक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की है। रमेश के मुताबिक़, डॉ. कृष्णमूर्ति बीते 7 महीने से आईसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं।
एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज भरतनाट्यम डांसर डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन हो गया है। शनिवार (3 अगस्त) को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 84 साल की थीं और बीते 7 महीने से अपोलो हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती थीं। शनिवार को यामिनी के मैनेजर और सेक्रेटरी गणेश ने एक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की। गणेश ने अपने बयान में कहा, "डॉ. कृष्णमूर्ति उम्र संबंधी दिक्कतों से जूझ रही थीं और बीते 7 महीने से वे आईसीयू में थीं। हेल्थ संबंधी कई दिक्कतों की लंबी हिस्ट्री के चलते पद्म विभूषण डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।"
भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी के लिए मशहूर थीं डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति
डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति इंडियन क्लासिकल डांस की महारती थीं। उन्हें खासतौर पर भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी में अपनी एक्सपर्टीज के लिए जाना जाता था। उनका जन्म 20 दिसंबर 1940 को ब्रिटिश इंडिया में मद्रास प्रेसिडेंसी के मदनापल्ली में हुआ था। हालांकि, उनका पालन-पोषण तमिलनाडु के चिदंबरम में हुआ था। 1957 में डॉ. कृष्णमूर्ति ने मद्रास में बतौर डांसर अपने काम की शुरुआत की। उन्हें तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की अस्थाना नर्तकी (रेजिडेंट डांसर) होने का सम्मान प्राप्त था। उन्हें कुचीपुड़ी नृत्य शैली की अगुवा के तौर पर जाना जाता था।
देश के तीन सवोच्च सम्मानों से अलंकृत थीं डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति
डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति को देश के 4 में से तीन सर्वोच्च सम्मान प्राप्त थे। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री से अलंकृत किया था। 2001 ने उन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा अलंकरण पद्म भूषण मिला और 2016 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें नृत्य क्षेत्र में कई अन्य बड़े सम्मान भी प्राप्त हुए थे। डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति ने अपनी ऑटोबायोग्राफी भी लिखी थी, जिसका टाइटल 'अ पैशन फॉर डांस' है। उनकी इस किताब को पाठकों का बहुत प्यार मिला था।
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