उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के 5 रुपये, लाखों-करोड़ों की कमाई से भी कीमती क्यों रही?

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, जिनकी फ़ीस लाखों में थी, अपने पहले कंसर्ट के 5 रुपये के इनाम को सबसे अनमोल मानते थे। यह उनके बचपन की कहानी है जब उन्होंने 11 साल की उम्र में पहली बार परफॉर्म किया था।
Dheerendra Gopal | Published : Dec 16, 2024 12:04 AM
18

महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने दुनिया को अलविदा बोल दिया है। संगीत के सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड पांच बार जीतने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन अपना एक कांसर्ट के लिए 5 से 10 लाख रुपये चार्ज करते थे लेकिन उनको अपने परफार्मेंस के लिए मिले 5 रुपये, लाखों-करोड़ों से अधिक प्रिय रहा। तमाम बार अपने जीवन की दास्तां सुनाते हुए उस्ताद ने सबसे कीमती पुरस्कार इसी पांच रुपये को मानते रहे।

28

दरअसल, यह किस्सा उस्ताद जाकिर हुसैन के बचपन का है। उस्ताद की उम्र करीब 11 साल की थी। उनके पिता अल्ला राखा भी मशहूर तबला वादक थे। देश के जाने माने तबला वादक अल्ला राखा जाने माने उस्तादों पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद, पंडित किशन महाराज के साथ एक कांसर्ट कर रहे थे।

38

11 साल के जाकिर हुसैन भी उनके साथ गए थे। जब पिता के साथ उन्होंने पहली बार कांसर्ट किया तो सब मंत्रमुग्ध हो गए। पूरी दर्शकदीर्घा पिनड्राप साइलेंस में उनको सुनती रही। जब जाकिर हुसैन ने परफार्मेंस खत्म किया तो उनको पुरस्कार स्वरूप 5 रुपये मिले। जाकिर हुसैन हमेशा उस पांच रुपये का जिक्र करते रहे। वह कहते: मैंने अपने जीवन में बहुत पैसे कमाए लेकिन वो 5 रुपये मेरे लिए सबसे कीमती था।

Related Articles

48

उस्ताद जाकिर हुसैन तबला वादन के साथ ही फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। वह एक्टिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने 12 फिल्मों में एक्टिंग की थी। 

58

जाकिर हुसैन को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कंसर्ट के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था।

68

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में मुंबई में हुआ था। मशहूर तबला वादक अल्लाह रक्खा कुरैशी के बेटे जाकिर हुसैन ने भी पिता की राह पर कम उम्र में ही फैसला ले लिया। जाकिर हुसैन की मां का नाम बीवी बेगम था।

78

1973 में जाकिर हुसैन का पहला एल्बम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड लांच हुआ था। 5 दफा ग्रैमी अवार्ड जीतने वाले जाकिर हुसैन को भारत सरकार ने 1988 में पद्मश्री और 2002 में पद्म भूषण और साल 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

88

उस्ताद जाकिर हुसैन की शिक्षा-दीक्षा मुंबई में हुई। मुंबई के माहिम के सेंट माइकल स्कूल में उन्होंने स्कूली शिक्षा हासिल की थी। जबकि शहर के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।

यह भी पढ़ें:

दुनिया ने खो दिया अपना तबला सम्राट: उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos