
'अर्जुन रेड्डी' और 'गीता गोविंदम' जैसी फिल्मों से दर्शकों के दिलों में अहम् जगह बना चुके तेलुगु स्टार विजय देवरकोंडा विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। उन्होंने 26 अप्रैल को हैदराबाद में तमिल फिल्म 'रेट्रो' के प्री-रिलीज इवेंट में विवादित बयान दिया था, एससी और एसटी कम्युनिटी को नागवार गुजरा। जनजातीय नेताओं ने उनके खिलाफ ना केवल प्रदर्शन किया, बल्कि पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई।
जनजातीय नेता अशोक कुमार राठौड़ ने विजय देवरकोंडा के खिलाफ रायदुर्गम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी पर आगे की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में विजय के खिलाफ यह दूसरा केस दर्ज हुआ है। इससे पहले संजीवा रेड्डी नगर पुलिस थाने में भी FIR दर्ज हुई थी।
विजय देवरकोंडा ने 'रेट्रो' के प्री-रिलीज इवेंट में पहलगाम पर हुए आतंकी हमले को लेकर अपनी बात रखी थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, "भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की जरूरत नहीं है। उनके लोग थक जाएंगे और अपनी ही सरकार के खिलाफ जाएंगे। वैसे ही जैसे 500 साल पहले जनजातीय कबीले बिना सोचे-समझे लड़े थे। आज के लोग भी बिना सोचे-समझे लड़ रहे हैं।" विजय का यह बयान आदिवासी नेताओं को खटका और उन्होंने आरोप लगाया कि एक्टर ने आदिवासियों की तुलना आतंकवादियों से की है। इसी के बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन और शिकायतों का दौर शुरू हुआ।
विजय देवरकोंडा ने विवाद बढ़ने पर सफाई दी और अपने बयान पर माफ़ी भी मांगी। उन्होंने अपनी एक पोस्ट में लिखा था कि उन्होंने ट्राइब्स (जनजाति) शब्द का इस्तेमाल जरूर किया था। लेकिन उनका मतलब उन पुराने कबीलों से था, जो अक्सर आपस में लड़ते थे। विजय ने अपने बयान में कहा था, "मेरा मतलब आज की अनुसूचित जनजातियों से नहीं था। फिर भी अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफ़ी मांगता हूं।" हालांकि, विजय के माफीनामे के बाद ही जनजातीय नेताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने उनके खिलाफ केस कर दिया।
वर्क फ्रंट की बात करें तो विजय को आगे तेलुगु फिल्म 'किंगडम' में देखा जाएगा, जो इसी साल जुलाई में वर्ल्डवाइड रिलीज होगी।