
एंटरटेनमेंट डेस्क. मनोरंजन जगत से कभी अच्छी और कभी बुरी खबरें सुनने को मिलती है। इसी बीच साउथ की मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से एक चौंकाने वाली खबर सुनने को मिल रही है। सामने आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो 22 फरवरी के बाद कोई भी मलयलम फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होगी। फिल्म एग्जीबिटर्स यूनाइटेड ऑर्गनाइजेशन ऑफ केरल (FEUOK) ने घोषणा की है कि वे फिल्म निर्माताओं के विरोध में 22 फरवरी से मलयालम फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं करेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि यह निर्णय लेने के लिए उ्न्हें मजबूर होना पड़ा है क्योंकि मेकर्स थिएटर और ओटीटी रिलीज के बीच 42 दिनों के विंडो पीरियड नियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
सिनेमाघरों के मालिकों ने किया था विरोध
कुछ साल पहले छोटे थिएटर मालिकों ने ओटीटी प्लेटफार्म्स पर रिलीज होने से पहले सिनेमाघरों में फिल्मों के लिए मिनीमम स्क्रीनिंग पीरियड की वकालत करते हुए कई विरोध प्रदर्शन किए थे। केरल में यह टाइम पीरियड 42 दिन निर्धारित किया गया था। केरल न्यूज साइट ओनमनोरामा की मानें तो निर्माताओं द्वारा टाइम पीरियड का लगातार उल्लंघन किए जाने के बाद फिल्म एग्जीबिटर्स यूनाइटेड ऑर्गनाइजेशन ऑफ केरल (FEUOK) ने शुक्रवार को एक निर्णायक रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि वे 22 फरवरी से मलयालम फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद कर देंगे।
थिएटर-ओटीटी रिलीज में 42 दिन का अंतर जरूरी
किसी भी फिल्म की सिनेमाघरों में रिलीज और ओटीटी प्लेटफार्म्स पर स्ट्रीमिंग के बीच 42 दिनों का टाइम पीरियड निर्धारित किया गया है, लेकिन नियम के बावजूद इसका उल्लंघन हो रहा है। FEUOK के अध्यक्ष विजयकुमार ने कहा कि कई निर्माता फिल्म को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर बहुत पहले रिलीज करके इस नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। एसोसिएशन के इस फैसले से आने वाले दिनों में रिलीज होने वाली मलयालम फिल्मों पर असर पड़ सकता है। उन फिल्मों में दिलीप की थैंकमनी और मंजुम्मेल बॉयज शामिल हैं जो 22 फरवरी को रिलीज होंगी। ममूटी की ब्रमायुगम और नेस्लेन- ममिता बैजू की प्रेमालु जैसी पहले ही रिलीज हो चुकी।
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