
साउथ स्टार ऋषभ शेट्टी की मोस्ट अवेटेड फिल्म कंतारा चैप्टर 1 सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। एडवांस बुकिंग में मूवी के धड़ाधड़ टिकट बिके और ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। फैंस फिल्म देखने के लिए बहुत एक्साइटेड नजर आ रहे हैं। इसी बीच मूवी का रिव्यू सामने आ गया है। फिल्म की कहानी काफी दमदार है और इसमें शानदार तरीके से वीएफएक्स का भी यूज किया गया है। इसमें एक्शन भी कमाल के हैं। आइए जानते हैं कैसी है 2.48 घंटे की राइटर-डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी की ये फिल्म।
कभी-कभी किसी फिल्म का प्रभाव इतना जबरदस्त होता है कि आप शब्दहीन हो जाते हैं। वो आपको इतना गहराई से प्रभावित करती है कि आप बस उसके जादू में खो जाते हैं। लेकिन जब कोई फिल्म एक साथ ये सब करती है तो उसे एकदम परफेक्ट कहा और माना जाता है। ऋषभ शेट्टी की कांतारा चैप्टर 1 ऐसा ही कर रही है। फिल्म की शुरुआत कदंब राजवंश और उसके अत्याचारी शासक की जमीन और पानी के हर टुकड़े पर कब्जा करने की अंतहीन चाहत से होती है। वो सबको मारकर एक विजय यात्रा पर निकलता है और इस दौरान उसकी नजर समुद्र किनारे मछली पकड़ रहे एक रहस्यमय बूढ़े व्यक्ति पर पड़ती है। वो अपने आदमियों को उसे पकड़ने का आदेश देता है। जब वे उसे मारने के लिए ले जाते हैं तो उसके थैले से कीमती सामान गिरता है। शासक इसकी जांच करता है और इसके बारे में पता लगाने के लिए निकल पड़ता है। ये खोज उसे कंतारा तक ले जाती है, जहां आदिवासी प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर रहते हैं। कदंब शासक की महत्वाकांक्षा तब पूरी होती है, जब उसकी नजर ईश्वर पूंधोत्तम पर पड़ती है, जो कंतारा में दैवीय शक्ति द्वारा संरक्षित एक रहस्यमय जगह है। कहानी में विजयेंद्र (जयराम) की एंट्री होती है, जो भांगड़ा के राजा हैं। सालों तक शासन करने के बाद, उनके पुत्र कुलशेखर (गुलशन देवैया) को राजा बनाया जाता है और पुत्री कनकवती (रुक्मिणी वसंत) राजकोष संभालती हैं। इस बीच कंतारा के नेता बर्मे (ऋषभ शेट्टी) अपने गांव के विकास और ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। जब कंतारा के लोग भांगड़ा पहुंचते हैं तो स्थिति एक बड़े संघर्ष में बदल जाती है कि जमीन का मालिक कौन है, उसकी रक्षा कौन करता है और उसे खत्म करने की धमकी कौन दे रहा है। इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
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अगर 2022 की फिल्म कांतारा ने आपका दिल जीत था, तो इसका प्रीक्वल दस गुना ज्यादा उत्साह बढ़ा देगा। जैसे ही फिल्म कदंब-भांगड़ा राजवंशों और जनजातियों के बारे में एक वॉइसओवर से शुरू होती है, आप इसकी दुनिया में खो जाते हैं। हर एक सीन को बहुत बारीकी से गढ़ा गया है। उत्पीड़न से लेकर समानता और शोषण तक, फिल्म में हर चीज को शानदार तरीके से पेश किया है। फिल्म का पहला पार्ट थोड़ा स्लो हैं, लेकिन दूसरा पार्ट रफ्तार पकड़ता है और एक अलग ही लेवल पर पहुंच जाता है। फिल्म का हर सीन कमाल का है और इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेकर्स ने हर छोटी-छोटी बात का खासतौर पर ध्यान रखा है। फिल्म में कई रोंगटे खड़े करने वाले पल भी देखने को मिलते हैं।
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फिल्म कांतारा चैप्टर 1 में काम करने वाले हर स्टार्स ने अपना बेस्ट दिया है। सबसे पहले बात करते हैं ऋषभ शेट्टी की, तो उन्होंने स्क्रीन पर जिस तरह से खुद को प्रेजेंट किया है वो वाकई कमाल का है। अदायगी में उनका कोई मुकाबला नहीं है। वे फिल्म के लिए एक तरह से पिलर है। वहीं, रुक्मिणी वसंत कनकवती के किरदार खूब जची हैं। उन्हें फिल्म में सबसे खास रोल में से एक मिला है और उन्होंने अपने दमदार अभिनय से अपनी जगह बनाए रखी है। जयराम ने साबित कर दिया है कि एक अनुभवी एक्टर क्या कर सकता है। गुलशन देवैया एक नाकाबिल राजा की भूमिका में फिट बैठे हैं। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है। अगर आप कुछ डिफरेंट देखना चाहते हैं तो कांतारा चैप्टर 1 जरूर देखनी चाहिए।