एंटरटेनमेंट डेस्क. 1990 के दशक में टीवी पर 'चंद्रकांता' नाम से एक सीरियल शुरू हुआ था। देवकीनंदन खत्री के उपन्यास 'चंद्रकांता' पर आधारित यह शो 1994 में शुरू हुआ और 1996 में बीच में ही इसे बंद कर दिया गया। लेकिन इन दो सालों में इसकी पॉपुलैरिटी इस कदर थी कि लोग इसके एक-एक किरदार के दीवाने हो गए थे। फिर चाहे वह चंद्रकांता का रोल करने वाली शिखा स्वरूप हों, कुंवर वीरेंद्र विक्रम सिंह की भूमिका में दिखे शाहवाज़ खान हों या फिर चुनारगढ़ के महाराज शिवदत्त के रोल में नज़र आए पंकज धीर। शो में रानी कलावती का भी एक किरदार था और दर्शकों ने इसे भी बेहद पसंद किया था। आज हम इस किरदार को निभाने वाली एक्ट्रेस के बारे में बता रहे हैं...
'चंद्रकांता' में रानी कलावती का किरदार एक्ट्रेस दुर्गा जसराज ने निभाया था। वही दुर्गा जसराज, जिन्हें लोग शास्त्रीय गायिका के तौर पर जानते हैं। वे ओरिजिनल कंटेस्टेंट प्रोड्यूसर भी हैं। दुर्गा जसराज दिवंगत शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की बेटी हैं। उनका जन्म 12 सितम्बर 1966 को मुंबई में हुआ था। दुर्गा जसराज की मां का नाम मधुरा पंडित है और उनका एक भाई है, जिसका नाम शारंग देव है। शारंग देव पेशे से म्यूजिक डायरेक्टर हैं। अगर बॉलीवुड से दुर्गा जसराज का और कनेक्शन निकालें तो वे बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर रहे वी. शांताराम की नातिन हैं। शाहरुख़ खान स्टारर 'बाजीगर' जैसी फिल्मों में नज़र आए दिवंगत सिद्धार्थ रे उनके मौसेरे भाई थे।
दुर्गा जसराज उस वक्त 7 साल की थीं, जब उन्होंने गायकी की दुनिया में कदम रख दिया था। 1993 में केतन आनंद की फिल्म 'आजा मेरी जान' से उन्होंने बतौर एक्ट्रेस फिल्मों में कदम रखा था और इसके अगले साल 1994 में वे 'चंद्रकांता' में रानी कलावती का रोल करती नज़र आईं। दुर्गा जसराज को बी. आर. चोपड़ा के शो 'महाभारत' में अर्जुन की पत्नी उलूपी के रोल में भी देखा गया था। सिर्फ एक्ट्रेस ही नहीं, होस्ट के तौर पर भी दुर्गा जसराज टीवी शोज से जुड़ी थीं। उन्होंने अन्नू कपूर के साथ मिलकर पॉपुलर शो 'अंताक्षरी' को होस्ट किया था।
रिपोर्ट्स की मानें तो दुर्गा जसराज उस वक्त 18 साल की थीं, जब उनकी शादी हो गई थी। हालांकि, यह शादी महज तीन साल चली और 21 की उम्र में उनका तलाक हो गया। दुर्गा की एक बेटी भी है, जिसका नाम अवनी जसराज है। हालांकि, उनके पति के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। दुर्गा जसराज ने लंबे समय तक पिता पंडित जसराज के साथ मिलकर शास्त्रीय गायन का परफॉर्मेंस दिया था। अभी वे भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। दुर्गा जसराज ने 2006 में इंडियन म्यूजिक एकेडमी की स्थापना की, जो बूढ़े और बीमार संगीतकारों का इलाज कराने में मदद करती है। इस एकेडमी के तहत म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए सालाना IMA अवॉर्ड्स भी दिए जाते हैं। दुर्गा जसराज सेंट्रल बोर्ड ऑफर फिल्म सर्टिफिकेशन की मेंबर भी रह चुकी हैं।
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