
Who Was Prem Sagar: 1980 के दशक में 'रामायण' जैसा कालजयी टीवी सीरियल बनाने रामानंद सागर के बेटे और प्रोड्यूसर प्रेम सागर नहीं रहे। रविवार (31 अगस्त) सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 84 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि लंबे समय से बीमार चल रहे प्रेम सागर का इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। डॉक्टर्स ने रविवार सुबह परिवार को उन्हें घर ले जाने को कहा था। लेकिन इससे पहले ही वे दुनिया को अलविदा कह गए। प्रेम सागर रामानंद सागर के पांच बच्चों में से एक थे। इनमें उनके अलावा तीन बेटे आनंद सागर, मोती सागर, सुभाष सागर और एक बेटी सरिता सागर शामिल हैं।
प्रेम सागर ने अपने करियर में प्रोड्यूसर के साथ-साथ सिनेमैटोग्राफर और स्टिल फोटोग्राफर के तौर पर भी काम किया था। उन्होंने 1968 में फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (FTII) से फिल्ममेकिंग की बारीकियां सीखी थीं। अपने पिता रामानंद सागर के बैनर सागर आर्ट्स के तले उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स के लिए स्टिल फोटोग्राफर और सिनेमैटोग्राफर के तौर पर काम किया था।
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प्रेम सागर ने सागर आर्ट्स के बैनर तले बने 'अलिफ़ लैला' सीरियल को अपने भाइयों आनंद सागर और मोती सागर के साथ मिलकर डायरेक्ट किया था। सामानंद सागर ने 1993 से लेकर 2002 तक टेलीकास्ट हुए इस शो का स्क्रीनप्ले लिखा था, जबकि प्रेम सागर के भाई सुभाष सागर इसके प्रोड्यूसर थे। प्रेम सागर ने प्रोड्यूसर के तौर पर 2024 में टेलीकास्ट हुआ 'काकभुशुण्डी रामायण' और 2025 में आया 'कामधेनु गौमाता' का निर्माण किया था। वे इससे पहले 2009 में 'बसेरा' नाम का सीरियल भी प्रोड्यूस कर चुके थे।
प्रेम सागर ने 1979 में रिलीज हुई फिल्म 'हम तेरे आशिक हैं' का निर्देशन किया था, जिसमें जीतेंद्र, हेमा मालिनी, सुजीत कुमार और अमजद खान जैसे कलाकार दिखाई दिए थे। इसके अलावा 'आंखें' (1968), 'ललकार' (1972) और 'चरस' समेत ऐसी कई अन्य फ़िल्में भी हैं, जिनमें वे डायरेक्टर या प्रोड्यूसर तो नहीं थे, लेकिन टीम मेंबर के तौर पर कहीं कैमरा संभाल रहे थे, कहीं इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट से जुड़े थे और कहीं बतौर सिनेमैटोग्राफर काम कर रहे थे।
प्रेम सागर ने अपने पिता रामानंद सागर पर किताब ‘एन एपिक : रामानंद सागर फ्रॉम बरसात तो रामायण’ भी लिखी थी, जो 2019 में पब्लिश हुई थी।